राजनीतिक टकराव का नतीजा, अपने चाचा से मात खा गया भतीजा

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, चाचा-भतीजे का ऐसा टकराव होगा, यह हमने सोचा भी नहीं था. लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को उनके ही चाचा पशुपतिकुमार पारस ने करारा झटका दिया. पशुपति सहित पार्टी के 5 सांसदों ने बगावत कर दी. पशुपति को सर्वसम्मति से लोकसभा में पार्टी संसदीय दल का नेता चुना गया. चाचा ने भतीजे के मुंह से कौर छीन लिया. उसे कहीं का नहीं रखा. भतीजे ने चाचा सहित 5 सांसदों को पार्टी से निकाला तो चाचा ने भी भतीजे को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया. राजनीति खून के रिश्तों को तार-तार कर रही है.’’

    हमने कहा, ‘‘चाचा-भतीजे का विवाद कहां नहीं होता! अलाउद्दीन खिलजी ने अपने चाचा जलालुद्दीन खिलजी का कत्ल कर दिया था. फिल्म ‘पद्मावत’ की शुरुआत में यही सीन दिखाया गया है. महाभारत में धृतराष्ट्र भी तो पांडवों के चाचा या काका थे लेकिन फिर भी कौरव-पांडव युद्ध होकर रहा. आखिर चचा ने देखा कि युद्ध के अंत में कुछ भी नहीं बचा.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, कई बार चाचा उपकार भी करते हैं. ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ को इसलिए गद्दी मिली क्योंकि उनके चाचा एडवर्ड अष्टम ने एक अमेरिकी अभिनेत्री मिस सिम्पसन से शादी कर ली थी, जिससे उन्हें राजगद्दी के काबिल नहीं माना गया. एडवर्ड अष्टम की जगह छठे जॉर्ज को राजसिंहासन मिला और उनके मरने पर उनकी बेटी एलिजाबेथ गद्दीनशीन हुईं.’’

    हमने कहा, ‘‘अपने देश की राजनीति में चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव की अनबन का नुकसान सपा को उठाना पड़ा. पॉवर को लेकर चाचा-भतीजे का टकराव चलता ही है. वैसे चाचा को चाहिए कि भतीजे का मार्गदर्शन करें और प्रोत्साहन दें. रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पहले एक फिल्म में हीरो बने, फिर राजनीति में आकर अपने पिता की पार्टी की कमान संभाली. उनके चाचा ने उन्हें जीरो बनाकर रख दिया. चिराग तले अंधेरा देखा जा रहा है. इसके पीछे बिहार के सीएम व जदयू नेता नीतीश कुमार की कूटनीति बताई जाती है. अब हालत ऐसी हो गई कि राजेंद्र कुमार-मीना कुमारी की फिल्म का नाम याद आता है- चिराग कहां, रोशनी कहां!’’