तालिबान के नाम पर धमकी महबूबा मुफ्ती की गीदड़ भभकी

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो गया तो पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती भी ताव में आकर अकड़ दिखाने लगी. शायद आप कहेंगे कि मेंढकी को भी जुकाम हो गया. महबूबा ने तालिबान का उदाहरण देकर मोदी सरकार को धमकी दी कि सब्र का बांध टूटने पर हटा और मिटा देंगे. उन्होंने आगे कहा कि जिस वक्त बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा, तब आप नहीं रहोगे, मिट जाओगे. पड़ोस के अफगानिस्तान में देखो क्या हो रहा है.

    उनको भी वहां से बोरिया बिस्तर लेकर वापस जाना पड़ा. आपके लिए अभी भी मौका है. जिस तरह वाजपेयी ने कश्मीर में और बाहर भी पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू की थी, उसी तरह आप भी बातचीत का सिलसिला शुरू करें.’’ हमने कहा, ‘‘इस तरह की गीदड़ भभकी का मोदी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा एक अस्थायी व्यवस्था थी. मोदी सरकार ने संविधान का अनुच्छेद 370 रद्द कर उसे देश की मुख्यधारा में ला दिया. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे और उसके साथ अन्य राज्यों के समान उसे भी राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा.

    कश्मीरी नेता इसलिए झल्लाए हुए हैं क्योंकि घाटी में बंद और हड़ताल कराना अब उनके लिए संभव नहीं है. अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान से रकम मिलने के रास्ते भी बंद हो गए. आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार काफी सख्त है. महबूबा की बौखलाहट इसी वजह से है. कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. उसके बारे में पाकिस्तान से बात करने का दूर-दूर तक कोई सवाल ही नहीं उठता. बात सिर्फ यही हो सकती है कि पाकिस्तान ने जिस पीओके पर अवैध कब्जा कर रखा है, उसे खाली करे. इसके अलावा कोई हमारी सरकार को तालिबान की धौंस दे तो उसे फौरन अंदर कर दिया जाए.’’