पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, महाराष्ट्र की राजनीति में थप्पड़ की धमकी की गूंज हुई. देखा जाए तो थप्पड़ मारने का इरादा, थप्पड़ मारने का प्रयास और वास्तव में थप्पड़ मारना तीन अलग-अलग बातें हैं. जो कहता है कि थप्पड़ मारूंगा, उसकी बात का भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि गरजनेवाले बादल बरसते नहीं हैं.
नेता वैसे भी अपने वचन पूरे नहीं करते. इसलिए थप्पड़ मारने का उनका वादा सिर्फ हवा-हवाई रहता है.’’ हमने कहा, ‘‘आपको मालूम होना चाहिए कि थप्पड़ की बात महात्मा गांधी ने भी कही थी. उन्होंने अहिंसा का महत्व समझाते हुए कहा था कि कोई तुम्हारे गाल पर एक थप्पड़ मारे तो विनम्रतापूर्वक दूसरा गाल आगे कर दो. बापू का अहिंसक आंदोलन भी अंग्रेजों के लिए किसी टाइट स्लैप या झन्नाटेदार तमाचे से कम नहीं था. इससे हक्के-बक्के होकर गोरे इंग्लैंड वापस लौट गए थे. थप्पड़ का महत्व देखते हुए ओलम्पिक में मुक्केबाजी के अलावा थप्पड़बाजी का भी मुकाबला होना चाहिए.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, थप्पड़ रिश्तों को तोड़ देती है. फिल्म ‘थप्पड़’ में तापसी पन्नू इसलिए तलाक ले लेती है क्योंकि उसके पति ने नशे की हालत में उसे एक पार्टी में सबके सामने थप्पड़ मारा था. उसके नारी स्वाभिमान को यह अपमान बर्दाश्त नहीं हुआ. कितना ही मनाने पर भी वह नहीं मानी और ऐसे पति को छोड़ दिया. कहते हैं कि पुरानी फिल्म अभिनेत्री ललिता पवार को फिल्म की शूटिंग के दौरान एक सीन में भगवान दादा से थप्पड़ खानी थी.
यह थप्पड़ इतनी जोर से पड़ा कि ललिता पवार की एक आंख और चेहरे पर असर पड़ गया. तब से इस अभिनेत्री के पास क्रूर सास की भूमिका करने के अलावा कोई चारा नहीं रहा. कोई अभिनेत्री ऐसी भी होती है जो थप्पड़ से नहीं घबराती. फिल्म ‘दबंग’ में सोनाक्षी सिन्हा सलमान खान से कहती है- साहब, थप्पड़ से डर नहीं लगता, प्यार से लगता है.’