
अब जाल बिछा रहा है ओमिक्रान जिससे रहना होगा सतर्क और सावधान.
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, कोरोना वायरस बहुरूपिया है. वह नए-नए रूप बदलकर आता है. जब उसकी दूसरी लहर आई थी तो बेहद घातक और जानलेवा साबित हुई थी. न पर्याप्त बेड थे, न उतनी अधिक आक्सीजन! लहर कहर ढाती चली गई. हर व्यक्ति के कोई न कोई परिचित या रिश्तेदार को कोरोना निगल गया. विदेशी पत्र-पत्रिकाओं ने श्मशान में एक साथ जलती दर्जनों चिताओं और गंगा में बहते शवों की तस्वीरें छांपी. विश्व का कोई देश या कोना कोरोना से नहीं बच पाया. यूरोप-अमेरिका ने भी यह त्रासदी भुगती. विश्व के सुपरपावर कहनेवाले देश की भी कोरोना ने सारी हेकड़ी निकाल दी.’’
हमने कहा, ‘‘अब जाल बिछा रहा है ओमिक्रान जिससे रहना होगा सतर्क और सावधान. कोरोना का यह नया वैरिएंट दुनिया में तेजी से फैलते हुए कह रहा है- मान न मान मैं तेरा मेहमान!’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज यद्यपि कहा जा रहा है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रान कम खतरनाक है लेकिन जैसे नागनाथ वैसे ही सांपनाथ! जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घटी और संक्रमण की चपेट में आ गया, उसका तो भगवान ही मालिक है.’’
हमने कहा, ‘‘पहले लोग मौका देखकर बहती गंगा में हाथ धोते थे लेकिन कोरोना ने सिखाया है कि बार-बार साबुन से हाथ धोते रहो. साबुन न हो तो सैनिटाइजर हथेलियों पर मलो. मास्क पहने रहो जिसे गले में लटकाने से काम नहीं चलेगा. नाक-मुंह पूरी तरह ढ़का होना चाहिए. कोरोना से लड़ाई लंबी है. जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं. यह सभी की मजबूरी, बनाए रखें 2 गज की दूरी.’’