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पाकिस्तान ने अभिनंदन को गिरफ्तार किया था लेकिन फिर उसे रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा था.’’

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज मध्यप्रदेश पुलिस में ड्राइवर के पद पर तैनात कांस्टेबल राकेश राणा अपनी लंबी मूंछों के चक्कर में सस्पेंड हो गया, उसके अधिकारी नहीं चाहते थे कि वह बेतरतीब तरीके की मूंछे रखे.’’ हमने कहा, ‘‘राणा ने बेतरतीब नहीं बल्कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान जैसी हैंडल छाप मूंछें रखी थीं. अभिनंदन ने पाकिस्तान एफ-16 विमान मार गिराया था. पाकिस्तान ने अभिनंदन को गिरफ्तार किया था लेकिन फिर उसे रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा था.’’

    पड़ोसी ने कहा, निशानेबाज, कुछ भी हो पुलिस के नियमों व अनुशासन में ऐसी डिजाइनदार मूंछें रखने की अनुमति नहीं है. जब कांस्टेबल राकेश राणा को हुक्म दिया गया कि वह अपने बाल और मूंछें उचित ढंग से कटवाए तो वह अपनी जिद पर अड़ा रहा. इसे अनुशासन हीनता मानकर उसे निलंबित किया गया.’’

    हमने कहा, ‘‘मूंछें मर्द की शान होती हैं. राजस्थान से विदेशी पर्यटक वहां के कुछ लोक कलाकारों की लंबी मूंछ देखकर चकित रह जाते हैं. ऐसे भी फिल्में हैं कि किसी आन-बान वाले आदमी ने साहूकार से धन उधार लेने के लिए अपनी मूंछ का बाल उसके पास गिरवी रखा. कुछ लोगों को मूंछ पर ताव देने की आदत रहती है. कोई तलवार कट मूंछ रखता है तो कोई मक्खी छाप. कितने ही फौजी और पुलिस अफसर अपनी मूंछ की वजह से रोबदार दिखते हैं. ईस्ट इंडिया कंपनी के जमाने में फौजी अफसर गलमुच्छ रखते थे.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, दाढ़ी-मूंछ घर की खेती है जो कभी भी बढ़ाई जा सकती है. लंबी मूंछ रखने की जिद में सस्पेंड होना समझदारी नहीं है. यदि अनुशासन इजाजत नहीं देता तो मूंछें सही तरीके से कटवा लेनी चाहिए या क्लीन शेव कर लेना चाहिए. जहां तक फिल्मों की बात है, अमिताभ बच्चन ने फिल्म ‘नमकहलाल’ में कहा था- मूंछें हों तो नत्थूलाल जैसी!