
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, याद कीजिए वो दिन जब बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा कोलकाता पहुंचे थे तब ममता बनर्जी ने नाराजगी से कहा था कि ये बाहरी लोग हैं. बीजेपी वहां नड्डा-चड्ढा-पड्ठा किसी को भी भेज देती है. ममता के ऐसा कहने से नड्डा नर्वस नहीं हुए. अब बीजेपी की हर समय रेडी रहनेवाली चुनाव मशीनरी इस वर्ष होनेवाले 9 राज्यों के चुनाव की तैयारियों में जोर शोर से जुट जाएगी.’’
हमने कहा, ‘‘9 का आंकड़ा पूर्णांक माना जाता है. नौ ग्रहों का विधिविधान से पूजन कर नड्डा नार्थ से साउथ तक बीजेपी का विजयरथ बढ़ाने के लिए अग्रसर हो सकते हैं. अब विपक्षी पार्टियों को सोचना पड़ेगा कि नड्डा के नहले पर दहला कैसे चला जाए.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यह मत भूलिए कि बीजेपी के पास आरएसएस का कैडर है, इसलिए वह निडर है. बीजेपी के पास सबसे ज्यादा संसाधन हैं. उसकी केंद्र सरकार के कंट्रोल में सीबीआई, ईडी, आईटी जैसी जांच एजेंसियां हैं. मोदी जैसे लोकप्रिय नेता का नेतृत्व है. विपक्ष क्या खाकर बीजेपी का मुकाबला करेगा?’’
हमने कहा, ‘‘बीजेपी 9 राज्यों के चुनाव में अपने नवरत्नों को भेजकर प्रचार करवाएगी और विपक्षी पार्टियों को बोरिया-बिस्तर बांधकर नौ दो ग्यारह करवा देगी. बीजेपी को भारत की राजनीति का बुलडोजर मानकर चलिए.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यह सोचना गलत है कि हर जगह बीजेपी का गुजरात मॉडल चल जाएगा. हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की दाल नहीं गली थी क्योंकि वहां के लोगों को कांग्रेस का राजमा खाना पसंद आया. राजस्थान और मध्यप्रदेश में बीजेपी गुटबाजी से जूझ रही है. उमा भारती ने अपने लोधी समाज के लोगों से कहा है कि वे जिस पार्टी को चाहें उसे वोट दे सकते हैं. तेलंगाना में केसीआर की भारत राष्ट्र समिति बीजेपी को कड़ी टक्कर देगी. त्रिपुरा में कांग्रेस-सीपीएम का गठबंधन बीजेपी पर भारी पड़ेगा.’’
हमने कहा, ‘‘बीजेपी हर राज्य में डबल इंजिन की सरकार की बात कहेगी और विकास का वादा करेगी. कर्नाटक, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांटे की टक्कर होगी. मोदी के नाम पर चुनाव लड़नेवाले नड्डा के नौनिहालों को अपने नक्षत्र सुधारने के लिए स्थानीय मुद्दे भी देखने होंगे.’’