nishanebaaz Party claims 'trick, face character', chant Namo-Namo then everything is sacred

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, चरित्र की बड़ी महत्ता है. इसलिए स्कूल और कॉलेज में चरित्र प्रमाणपत्र या कैरेक्टर सर्टिफिकेट दिया जाता है जिसमें छात्र के नाम के साथ लिखा जाता है- ही बेयर्स गुड मॉरल कैरेक्टर! बच्चे संस्कारी बनें इस उद्देश्य से उन्हें महापुरुषों का जीवन चरित्र पढ़ाया जाता है. इन दिनों राजनीति में नेताओं का चरित्र गिरता जा रहा है. इस पर आपकी क्या राय है?’’

हमने कहा, ‘‘जो गिर जाए उसे उठाने में मदद करनी चाहिए. बिगड़े हुए को सुधारा भी तो जा सकता है. महात्मा गांधी ने कहा था कि पाप से घृणा करो, पापी से नहीं! कुछ लोग मानते हैं कि आरएसएस अपनी शाखाओं में चरित्र निर्माण काम करता है और स्वयंसेवकों को बचपन से ही राष्ट्रभक्ति के संस्कारों में ढालता है.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘संघ परिवार का राजनीतिक घटक बीजेपी है जिसके नेता चाल, चेहरा और चरित्र की बात करते रहे हैं. अन्य कोई भी पार्टी इस तरह का दावा नहीं करती. इतने पर भी कर्नाटक में बीजेपी के एमएलए मदल वीरूपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार को टेंडर के मामले में 40 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया. साबुन और डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चा माल खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से प्रशांत कुमार ने 80 लाख रुपए की डिमांड की थी. रिश्वत लेने के लिए पिता-पुत्र दोनों को आरोपी बनाया गया है. अब बताइए कि बीजेपी का चाल, चेहरा और चरित्र कहां गया?’’

हमने कहा, ‘‘दाल या चावल में कंकड़ आता है या नहीं! सज्जनों की भीड़ में एकाध दुर्जन निकलता है या नहीं. टमाटर के ढेर में कुछ टमाटर खराब भी निकल जाते हैं. पार्टी शुद्ध है, उसके नेता प्रबुद्ध हैं लेकिन चुनाव जीतने के लिए कुछ दबंगों, भ्रष्टाचारियों और गलत किस्म के लोगों को भी साथ लेना पड़ता है. चुनाव के लिए पार्टी फंड या चंदा जुटानेवाला बंदा भी साथ रखना जरूरी हो जाता है. यदि सभी दूध के धुले होंगे तो पार्टी चल ही नहीं सकती. यह राजनीति का सबसे बड़ा कष्ट है कि हर पार्टी में कुछ न कुछ भ्रष्ट हैं. चंद्रमा पर भी ग्रहण लगता है, इसलिए बीजेपी की उज्ज्वल छवि की किसी कवि के समान प्रशंसा कीजिए. भ्रष्ट नेताओं को भूल कर सिर्फ नमो-नमो का जाप कीजिए.’’