nishanebaaz-Whoever wants to get power, he should take the path of politics

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारी किसी सत्ता के दलाल या पॉवर ब्रोकर से मुलाकात करवा दीजिए जो हमें पॉवरफुल बनाकर राजनीति की लिफ्ट से ऊंची मंजिल पर चढ़ा दे.’’ हमने कहा, ‘‘आपकी बातों से लग रहा है कि आप सत्ता के भूखे या पॉवर हंग्री हैं. इतनी भूख किस काम की! दाल-रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ! पॉवर के पीछे भागने की छटपटाहट छोड़िए, देश की बेचारगी में जी रही आम जनता के समान पॉवरलेस बने रहिए. पॉवर हासिल कर लेंगे तो कहने लगेंगे- आजकल पांव जमीं पर नहीं पड़ते मेरे!’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें इस तरह हतोत्साहित मत कीजिए. आज पॉवर किसे नहीं चाहिए? अफसर से नेता तक सभी पॉवरफुल बनना चाहते हैं. राजनीति में पॉवर हासिल करने के लिए पार्टियां सिद्धांतहीन और बेमेल गठबंधन बना लेती हैं. मतलबपरस्ती के उद्देश्य से की गई ऐसी सौदेबाजी को ‘पॉवर डील’ कहते हैं. सत्ता के मीठे फल चखने के लिए अंधे के कंधे पर लंगड़ा सवार हो जाता है.’’

    हमने कहा, ‘‘पॉवर सचमुच बहुत बड़ी चीज है. इनके लिए कौरव-पांडव में महाभारत हुआ था. पॉवर का नशा हर नशे से बढ़कर है. इसे पाकर नेता मदमस्त हो जाते हैं. बिहार पिछड़ा हुआ प्रदेश है लेकिन वहां के युवक पॉवर पाने की अदम्य इच्छा रखते हैं. कोई पॉलिटिक्स में जाना चाहता है तो कोई प्रशासन में! इसे डिजायर फॉर पॉवर कहते हैं. वहां के होनहार आत्मविश्वासी युवा यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बनकर पॉवर में आ जाते हैं. महाराष्ट्र पुलिस में कितने ही बिहारी अफसर मिल जाएंगे. वे अपनी कड़ी मेहनत के दम पर आगे आए हैं.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, किसी की बॉडी पॉवरफुल होती है तो किसी का माइंड पॉवरफुल! कभी कांग्रेस पॉवरफुल थी, लेकिन अब मोदी के नेतृत्व में बीजेपी वेरी पॉवरफुल हो चुकी है. असम और गुजरात के चुनाव नतीजे बताएंगे कि कौन ताकतवर है?’’ हमने कहा, ‘‘इसका फैसला जनता का वोटिंग पॉवर करेगा. जनादेश का पॉवर ही लोकतंत्र की जान है और इसी में भारत की शान है!’’