महाराष्ट्र में पॉवर ऑफ टू ये है छोटी सरकार सुखी सरकार!

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारे राष्ट्र को महाराष्ट्र से कुछ सीखना चाहिए. महाराष्ट्र ने सिर्फ 2 लोगों के मंत्रिमंडल से सिद्ध कर दिखाया है कि छोटी सरकार, सुखी सरकार! मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछले लगभग 1 माह से सफलतापूर्वक इस मिनी गवर्नमेंट को बड़ी कुशलता और सक्रियता से चला रहे हैं. मंत्रिमंडल की बाकायदा बैठक होती है जिसमें दोनों नेता मिलजुलकर एकमत से राज्य की जनता के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं. कहीं कोई कमी या न्यूनता नजर नहीं आती.’’

    हमने कहा, ‘‘असली बात तो यह है कि शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता को लेकर मामला कोर्ट में है. वहां उद्धव जीतते हैं या शिंदे सफल होते हैं, किसी को नहीं पता. उद्धव पार्टी को एनसेस्ट्रल प्रापर्टी या पैतृक संपत्ति मानते हैं. वे बगावत करने वालों को चुनौती देते हैं कि मेरे पिता के नहीं, अपने पिता के नाम पर चुनाव लड़कर दिखाओ! उद्धव स्वयं को बाल ठाकरे की विरासत का हकदार मानते हैं व धनुष-बाण चुनाव चिन्ह पर अपना अधिकार जताते हैं. इन्हीं बातों की वजह से अदालत के फैसले तक मंत्रिमंडल का विस्तार लटका रहेगा.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. बड़ा मंत्रिमंडल अगर पावरफुल फोरव्हील ड्राइव एसयूवी के समान होता है तो 2 लोगों की सरकार भी टू-सीटर बाइक जैसी होती है. चलती तो दोनों ही हैं. महाराष्ट्र सरकार को केंद्र का सहयोग होने से डबल इंजिन का लाभ है. केवल सीएम और डिप्टी सीएम का वेतन-भत्ता निकलने से सरकारी खजाने का खर्च भी कम हो रहा है. नई आर्थिक नीति आने से पहले महाराष्ट्र के अधिकांश परिवार बहुत कम खर्च में काट-कसर और दूरदर्शिता से घर-गृहस्थी चलाया करते थे.

    हम तो कहते हैं कि महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार से केंद्र और अन्य राज्य काफी कुछ सीख सकते हैं. केंद्र को सिर्फ मोदी और शाह की जोड़ी चला सकती है. अन्य राज्य भी एक सीएम और एक डिप्टी सीएम से काम चलाना सीखें. परिवार नियोजन के समान मंत्रिमंडल नियोजन करें. बीजेपी मोदी के रूप में ‘पावर ऑफ वन’ को लेकर गर्व करती है तो महाराष्ट्र भी शिंदे-फडणवीस के साथ ‘पॉवर ऑफ टू’ दिखा रहा है.’’