सामने चुनाव की कसौटी, मोदी ने योगी को बताया उपयोगी

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योगी यूपी के लिए उपयोगी हैं. उन्होंने ऐसा कहते समय सूझबूझ के साथ योगी के सामने ‘उप’ लगा दिया. उपयोगी का मतलब यूजफुल होता है.’’

    हमने कहा, ‘‘राजनीति में किसी न किसी को खास उद्देश्य के लिए यूज किया जाता है. कांग्रेस इस मामले में एक्सपर्ट रही है. हेमवतीनंदन बहुगुणा जैसे यूपी के दिग्गज नेता को हराने के लिए कांग्रेस ने अमिताभ बच्चन को इलाहाबाद से खड़ा किया था. इसी तरह बीजेपी नेता राम नाईक को हराने के लिए कांग्रेस ने फिल्म अभिनेता गोविंदा को यूज किया था. आडवाणी के खिलाफ दिल्ली सीट के चुनाव में राजेश खन्ना को इस्तेमाल किया था.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम किसी को यूज करने की बात नहीं कह रहे हैं. मुद्दा यूजफुल या उपयोगी होने का है. वैसे उप शब्द से नंबर 2 पोजीशन का बोध होता है जैसे उपराष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, उपमुख्यमंत्री, उपाध्यक्ष, उपसचिव आदि. विभिन्न संस्थाओं में अध्यक्ष ही सर्वेसर्वा होता है या सेक्रेटरी की चलती है. उपाध्यक्ष सिर्फ नाममात्र का निष्क्रिय पद होता है. जब अध्यक्ष मौजूद न हो तब उपाध्यक्ष को बैठक की अध्यक्षता करने का चांस मिलता है. क्या किसी योगी का सहायक ‘उपयोगी’ नहीं कहला सकता?’’

    हमने कहा, ‘‘उपयोगी से उपयोगिता की भावना जुड़ी है. जहां तक यूपी के मुख्यमंत्री योगी की बात है, उन्होंने विकास पर जोर दिया है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जारी है. काशी में गंगा तट से विश्वनाथ मंदिर तक भव्य कोरिडोर बनाया गया. बड़े-बड़े एक्सप्रेस वे बन रहे हैं. यूपी का औद्योगिक विकास उनका लक्ष्य है.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, पब्लिक विकास के नाम पर वोट नहीं देती, वह धर्म के नाम पर भावुक होकर मतदान करती देखी गई है. यूपी के चुनाव में भी लोग सरकार का कर्म नहीं, बल्कि धर्म देखेंगे. योगी बाबा को पुन: सीएम बनाने के लिए मोदी-शाह चुनाव में पूरी ताकत लगा देंगे.’’