मौसम को नखरे की बीमारी, कहीं पर बर्फबारी कहीं ठंड ढेर सारी

    Loading

    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, ठंड पूरे शबाब पर है. पारा गिरता ही जा रहा है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, यूपी, राजस्थान, पंजाब सभी तरफ तापमान गिर गया है. उत्तरी भारत कोहरे से घिर गया है. मुंबईवासी भी अपने यहां ठंड देखकर हैं हैरान और कहते हैं कि मौसम है बड़ा बेईमान!’’

    हमने कहा, ‘‘हर मौसम का आनंद लेना सीखिए. शिकायत करने वाले 10 डिग्री सेल्सियस में कांपते हुए कहते हैं कि मौसम में गर्मी आनी चाहिए और जब मई में 45 डिग्री तापमान हो जाता है, तब भी मौसम को दोष देते हैं. ठंड से इतना घबरा रहे हैं तो साइबेरिया में रहने वाले या एस्किमो लोगों के बारे में सोचिए, वे कितनी ठंड में सारी जिंदगी बिताते हैं! आपने तो यहां रहकर महसूस ही नहीं किया होगा कि शिमला और कुल्लू-मनाली की बर्फबारी कैसी होती है. मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में पौष-माघ के जाड़े का जिक्र है.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें मौसम में छाई ठंडक को देखते हुए गोविंदा का फिल्मी गाना याद आ रहा है- सरकाय लेव खटिया जाड़ा लगे! फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ का गीत था- ठंडी का डर कैसा जब गर्म जवानी है. प्रेमी युगल ठंड की परवाह न करते हुए गाते हैं- ये हवा ये नदी का किनारा, चांद तारों ने मिलकर पुकारा, कह रहा है बेखबर, हो सके तो प्यार कर, ये समा मिलेगा फिर ना दोबारा. वैसे मौसम कितना भी ठंडा हो, बाथरूम में गुनगुनाया जा सकता है- ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए, गाना आए या न आए गाना चाहिए.’’

    हमने कहा, ‘‘ठंड के खतरे भी कम नहीं होते. बच्चों और बुजुर्गों का इस मौसम में खास ख्याल रखना पड़ता है. जो लोग आधी रात में ड्यूटी से घर लौटते हैं, वही जानते हैं कि ठंड से कैसी कंपकंपी छूटती है और दांत बजने लगते हैं. वैसे यह ठंड का मौसम फैशन के लिहाज से बड़ा उपयुक्त है. इसमें स्वेटर, जैकेट, पुलोअर, कार्डीगन, शॉल, सूट चाहे जो पहनो. ठंड पड़ती है तब तक मेवा खाओ, गाजर या मूंग का हलुआ खाओ और स्वास्थ्य बनाओ. सुबह 5 बजे नहीं जमता तो 8 बजे तक लेट मॉर्निंग वॉक करो. मौसम से मेल करो तो वह आशिकाना लगेगा.’’