स्पेस में ट्रैफिक जाम, मस्क हुए बदनाम, चीन का इल्जाम

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, क्या विस्तारवादी चीन खुद को अंतरिक्ष या स्पेस का दरोगा या ट्रैफिक इंस्पेक्टर मान बैठा है जो वह विश्व के सबसे अमीर खरबपति एलन मस्क के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर निशाना लगा रहा है? क्या मस्क उसकी रोकटोक से घबराकर पीछे हट जाएंगे?’’ 

    हमने कहा, ‘‘ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा. मस्क एक मस्तमौला आदमी हैं. मस्क का मस्तक हमेशा शान से ऊंचा रहेगा. वे चीन की इस आलोचना की तनिक भी परवाह नहीं कर रहे हैं कि उनका एक सैटेलाइट अंतरिक्ष में चीनी स्पेस स्टेशन से टकराने से बाल-बाल बचा था. चीन ने शिकायत की थी कि मस्क के सैटेलाइट से टक्कर को रोकने के लिए चीनी स्पेस स्टेशन को अपना रास्ता बदलना पड़ा था. इसके अलावा यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने भी आलोचना करते हुए कहा कि तेजी से उभर रहे कमर्शियल स्पेस उद्योग में मस्क अपने नियम बना रहे हैं.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘मस्क की नीति है- हाथी चला बाजार, कुत्ते भौंकें हजार! वे साफ कहते हैं कि अंतरिक्ष में ट्रैफिक जाम के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं. जिस तरह धरती पर करोड़ों कारें कुछ नहीं हैं, वैसे ही विशाल अंतरिक्ष में कई हजार सैटेलाइट कुछ भी नहीं हैं. अंतरिक्ष बहुत बड़ा है और सैटेलाइट बहुत छोटे हैं. हम किसी को अंतरिक्ष में आने से नहीं रोक रहे हैं.’’ 

    हमने कहा, ‘‘एलन मस्क ने चीन को दो टूक सुना दी लेकिन एक पहलू यह भी है कि इतने ज्यादा स्पेस यान और सैटेलाइट भेजे जाने से अंतरिक्ष में ओजोन परत को भारी क्षति पहुंच रही है और पुराने निकम्मे हो चुके सैटेलाइट का कचरा या मलबा फैल रहा है. स्पेस राकेट के अत्यंत शक्तिशाली इंजिन के उत्सर्जन से भी पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘विज्ञान, तकनीक, मौसम, संचार और जासूसी के लिए कितने ही देश अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेजते हैं. ऐसे हजारों सैटेलाइट पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं. क्या आप सैटेलाइट भेजनेवाले को विश्व का मित्र नहीं मानते?’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, गौर करने लायक बात है कि दुनिया में सबसे पहले भारत के मुनि विश्वामित्र ने ही राजा त्रिशंकु को ह्यूमन सैटेलाइट के रूप में अंतरिक्ष में भेजा था जो वहीं चक्कर लगाने पर मजबूर हो गया था.’’