नमो-कंगना पर करो विश्वास, भूल जाओ देश का पुराना इतिहास

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश विजय दिवस की स्वर्ण जयंती पर अपने संबोधन में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम लेना भूल गए. इसी तरह अभिनेत्री कंगना रनौत भी भूल गईं कि भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था. उन्होंने कहा कि भारत को 2014 में आजादी मिली जब मोदी सत्ता में आए. इस तरह के भुलक्कड़पन के लिए आप क्या कहेंगे?’’ 

    हमने कहा, ‘‘भूलना मानव का स्वभाव है. अमिताभ बच्चन के पिता डा. हरिवंशराय बच्चन ने अपनी आत्मकथा के एक खंड का नाम रखा था- क्या भूलूं क्या करूं! टीचर स्कूल में बच्चे से पूछता है कि होमवर्क क्यों नहीं किया तो बच्चा कहता है- भूल गया. टीचर गुस्से से कहता है- खाना खाना नहीं भूला? दुकानदार हिसाब साफ करते हुए ग्राहक से कहते हैं- भूल-चूक लेनी-देनी. 

    भूलने पर फिल्मी गीत भी हैं- तुम अगर भूल भी जाओ तो ये हक है तुमको, मेरी बात और है, मैंने तो मोहब्बत की है. इन कसमों को इन रस्मों को, इन रिश्ते-नातों को, मैं ना भूलूंगा, मैं ना भूलूंगी. बचपन के दिन भुला न देना, आज हंसे कल रुला न देना! बचपन का प्यार मेरा भूल नहीं जाना रे! दोनों ने किया था प्यार मगर, मुझे याद रहा तू भूल गई, ओ मेरी महुआ! रेडियो पर भूले-बिसरे गीत कार्यक्रम आया करता था.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, मोदी सरकार चाहती है कि अनावश्यक इतिहास को भुला दिया जाए. कोई याद न रखे कि आधुनिक भारत के निर्माता जवाहरलाल नेहरू थे जिन्होंने भारत को औद्योगिक विकास की दिशा में आगे बढ़ाया. भाखड़ा-नांगल जैसे बांध तथा भिलाई, दुर्गापुर और राउरकेला में स्टील प्लांट डलवाए. एटामिक एनर्जी विभाग शुरू करवाया. पंचवर्षीय योजनाएं बनवाईं, गुटनिरपेक्ष आंदोलन की आधारशिला रखी और 17 वर्ष तक देश के अत्यंत लोकप्रिय पीएम रहे. उन्होंने अपनी जवानी के 16 वर्ष अंग्रेजों की जेल में काटे थे. उन्हें बच्चे चाचा नेहरू कहते थे. 

    इसी तरह इंदिरा को भी याद करने की जरूरत नहीं है जिन्हें बांग्लादेश युद्ध की विजय के बाद अटलबिहारी वाजपेयी ने ‘दुर्गा’ कहा था. बैंक राष्ट्रीयकरण करने और राजाओं के प्रिवीपर्स बंद करने का साहसिक निर्णय भी इंदिरा ने लिया था. देश के लिए इंदिरा और राजीव गांधी ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था.’’ हमने कहा, ‘‘चिंता मत कीजिए. यह सारी बेतुकी बातें बीजेपी सरकार नई पीढ़ी के दिमाग से साफ कर देगी. लोग सिर्फ महात्मा गांधी को याद रखेंगे जिनकी तस्वीर नोटों पर रहने से उन्हें भुलाया नहीं जा सकता.’’