पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र में बैठे लोग सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं लेकिन सबका समय आएगा. अगर सत्ता का चक्र बदला तो बीजेपी नेताओं को भी सोचना चाहिए कि उनका क्या होगा. उनके इस कथन पर आपकी क्या राय है?’’
हमने कहा, ‘‘उद्धव का आशय है कि घर-घर में मिट्टी के चूल्हे हैं. अन्य पार्टियों में भी भ्रष्ट नेता हैं. किसी का दामन साफ नहीं है. राजनीति काजल की कोठरी है जिसमें जाने पर एक न एक दाग लगता ही है. आज हमारे लोगों पर कार्रवाई हो रही है. हमारा समय आएगा तो जवाबी एक्शन ले सकते हैं.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, अपना टाइम आएगा कहकर दिल बहलाने से कुछ नहीं होगा. भविष्य सभी के लिए अनिश्चित है. उद्धव को वर्तमान देखना चाहिए कि एनसीपी के बाद शिवसेना नेता भी ईडी के निशाने पर आ गए हैं. संजय राऊत के बाद हो सकती है अनिल परब की गिरफ्तारी. ईडी पड़ रही है सभी पर भारी!’’
हमने कहा, ‘‘यह तो आपको भी सोचना होगा कि समय परिवर्तनशील है. कल तक सत्ता में रहकर अकड़नेवालों की हालत ऐसी हो गई कि वक्त ने किया क्या हसीं सितम, हम रहे ना हम तुम रहे ना तुम! इतने पर भी उद्धव ने बीजेपी को अल्टीमेटम दे दिया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के सामने हम झुकनेवाले नहीं हैं.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें इससे फिल्म ‘पुष्पा’ का डायलाग याद आ गया – नाम है पुष्पराज, फ्लावर मत समझना, मैं झुकेगा नहीं!’’ हमने कहा, ‘‘कहते हैं कि तूफान आने पर बड़े-बड़े वृक्ष धराशायी हो जाते हैं लेकिन घास को कुछ नहीं होता जो विनम्रता से झुक जाती है. बीजेपी ने पहले तो नोटबंदी से विपक्ष की जमा-पूंजी खत्म कर दी. अब ईडी के कोल्हू में विपक्ष का तेल निकाला जा रहा है. बीजेपी विपक्षमुक्त भारत बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. घर-घर मोदी, हर-हर मोदी का मतलब विपक्ष के लिए देश का एक भी घर शेष नहीं रखना है.’’