विजयवर्गीय ने दी शाश्वति, अग्निवीरों को सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पक्की

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, बीजेपी के नेता बेरोजगारी दूर करने के लिहाज से कितने ही अनूठे फार्मूले बताते हैं लेकिन ऐसे सुझावों की कद्र करने की बजाय विपक्षी नेता सीधे आलोचना पर उतर आते हैं.’’ 

    हमने कहा, ‘‘आलोचना पर ध्यान नहीं देना चाहिए. आपने सुना होगा- कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, छोड़ो बेकार की बातें, कहीं बीत ना जाए रैना! बीजेपी के प्रवक्ता और नेता बड़ी सूझबूझ के साथ मौलिक सुझाव रखते हैं. वे अपने मन में उठी विचारों की लहर को रोक नहीं पाते. आपको भी चाहिए कि भक्तिभाव से भाजपा नेताओं के बयानों को सुनें.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, पहले जान तो लीजिए कि अग्निपथ योजना को लेकर देश के काफी हिस्सों में हो रहे बवाल के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने क्या कहा? उन्होंने कहा कि बीजेपी ऑफिस में हम जो सिक्योरिटी गार्ड रखते हैं, उनमें भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देंगे. इस तरह उन्होंने अग्निवीरों को आश्वस्त किया कि 4 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद बीजेपी उन्हें दरबान बनाने को तैयार है. इसलिए यह सोचकर परेशान न हों कि 4 साल बाद हमारा क्या होगा!’’ 

    हमने कहा, ‘‘विजयवर्गीय की सीधी बात पर उन्हीं की पार्टी के सांसद वरुण गांधी नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि जिस महान सेना की गौरवगाथा सुनाने में शब्दकोश भी कम पड़ जाए, जिसका शौर्य सारी दुनिया में गूंजता है, वहां एक सैनिक को चौकीदार बनने का निमंत्रण? आप नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि देश के युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो. हमारे देश के युवा दिन-रात मेहनत करके फिजिकल टेस्ट पास करते हैं क्योंकि वे फौज में जाकर पूरा जीवन देश की सेवा करना चाहते हैं, इसलिए नहीं कि वे बीजेपी के दफ्तर के बाहर गॉर्ड बनना चाहते हैं.’’ 

    हमने कहा, ‘‘विजयवर्गीय हर वर्ग के लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकते. उनके नाम में विजय लगा है. वे बीजेपी की जीत या कामयाबी का लक्ष्य रखते हैं. फिल्मों में अमिताभ बच्चन का नाम हमेशा ‘विजय’ रहता है और वह सफल होकर दिखाता है. विजयवर्गीय भी जानते हैं कि नेवी या एयरफोर्स में 4 वर्ष की ट्रेनिंग अत्यंत अपर्याप्त है. सेना में भी कड़ा नियम-अनुशासन सिखाने में वरिष्ठ सैनिकों को काफी मेहनत लगती है. रोजगार निर्माण करना सेना का मुख्य उद्देश्य नहीं है. नेता पकौड़े तलने की सलाह देते-देते स्टोव की आग वाले अग्निपथ तक आ गए!’’