कैग की रिपोर्ट क्यों घटीं

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    बड़े-बड़े घोटालों का सक्रियता से पर्दाफाश करनेवाले नियंत्रक व लेखा महापरीक्षक (कैग) (Comptroller and Auditor General of India) (CAG)को क्या हो गया जो पिछले 7 वर्षों के दौरान उसकी आडिट रिपोर्ट 55 से घटकर सिर्फ 20 रह गईं यह सुस्ती है अथवा उस पर कोई दबाव है? डिफेंस आडिट (Defense Audit) से जुड़ी रिपोर्ट की हालत तो और भी खराब है. 2017 में इनकी तादाद 8 थी लेकिन 2020 में शून्य हर आ गई. 2017 में रेलवे की 5 रिपोर्ट थीं जबकि गत वर्ष सिर्फ 1 रिपोर्ट आई.

    कैग की जिम्मेदारी यह पता लगाना है कि सरकारी धन का नियमानुसार सही इस्तेमाल हुआ या नहीं. इस संस्था की वजह से ही 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला, कोयला घोटाला (Coal scam) और आदर्श हाउसिंग सोसायटी (Adarsh Housing Society Scam) जैसे घोटाले सामने आए थे. इसकी वजह से यूपीए सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा था. अपने शुरुआती दिनों में मोदी सरकार कैग को लेकर गंभीर थी लेकिन समय के साथ कैग की रिपोर्ट कम होती चली गई. क्या कैग पर सरकार का दबाव है?