वक्त ने बुरी तरह मारा सहारा हुए बेसहारा नहीं मिला कोई किनारा

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज (Nishanebaaz) सेबी ने सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत राय सहारा और उनकी 2 कंपनियों को 62,000 करोड़ रुपए जमा करने को कहा है. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यदि सहारा निवेशकों का पैसा जमा नहीं करते तो दोषी लोगों को हिरासत में लिया जाए. इसका मतलब है कि रकम जमा करो नहीं तो जेल जाओ.’’ हमने कहा, ‘‘अब सुब्रत राय सहारा को किसका सहारा मिलेगा? कहते हैं सबसे बड़ा सहारा भगवान का होता है. डूबते को तिनके का सहारा जैसी कहावत भी है.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यह मामला काफी गंभीर है.

सुब्रत राय (Subrata Roy) सहारा ने सारे देश में सहारा चिटफंड कंपनी के जरिए बहुत मोटी रकम बटोरी. उस समय सहारा का इतना नाम था कि क्रिकेट खिलाड़ी भी उसका लोगो या प्रतीक चिन्ह पहना करते थे. क्रिकेट सीरीज के दौरान सहारा का नाम और विज्ञापन टीवी पर नजर आता था. सुब्रत राय सहारा के साथ ग्रुप फोटो में कपिल देव, अमिताभ बच्चन, (Amitabh bachchan) मुलायम सिंह यादव की तस्वीरे छपा करती थीं. तब सुब्रत राय को ‘सहारा श्री’ कहा जाता था. सहारा टी वी चैनल की न्यूज एंकर ‘सहारा प्रणाम’ के रूप में अभिवादन करती थी.’’ हमने कहा, ‘‘सुब्रत राय के वे पुराने सुहाने दिन बीत गए. पिछली बार जब उन्हें जेल में डाला गया था तो रिहा हो पाना मुश्किल था. तब वे अपनी मां की बीमारी की वजह से रिहा किए गए. तभी से वे बाहर हैं. ऐसा समझिए कि मां की ममता ने उन्हें बचा लिया था लेकिन अब उनका सहारा कौन बनेगा, क्योंकि मां तो रही नहीं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, सहारा ने सिर्फ मूलधन का कुछ हिस्सा जमा किया है.

वे मार्केट रेगुलेटर सेबी के आदेशों व निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. यदि उन्होंने 62,000 करोड़ की मोटी रकम जमा नहीं कराई तो उनका जेल जाना तय समझो. ऐसी हालत में सहारा पूरी तरह बेसहारा हो चुके हैं.’’ हमने कहा, ‘‘लोगों का पैसा पचानेवाले कभी न कभी बुरे फंसते हैं. तब उन्हें कहना पड़ता है- हम थे जिनके सहारे वो हुए ना हमारे, डूबी जब दिल की नैया, सामने थे किनारे!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘जेल से बचना है तो सुब्रत राय सहारा रकम का अपने दम पर इंतजाम करें. उन्हें समझना चाहिए- तू ही सागर है, तू ही किनारा, ढूंढता है तू किसका सहारा!’’