Covid-19 curfew

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यह मान लेना स्वयं को धोखे में रखना होगा कि अब कोरोना संकट(Coronavirus) का दौर खत्म हो रहा है तथा सब कुछ सामान्य होने जा रहा है. यह महामारी फिर जोर-शोर से लौट आई है और संक्रमण के मामले घटने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं. राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है. हालात सुधरने और नियंत्रण में आने की सारी उम्मीदों पर कोरोना की दूहरी लहर ने पानी फेर दिया. आधे देश में लॉकडाउन( Second Lockdown) जैसी स्थितियां बन गई हैं. अकस्मात मरीजों की तादाद बढ़ने के बाद दिल्ली सहित कुछ राज्यों ने सख्त कदम उठाए हैं. लोगों में पिछले कुछ समय से निश्चिंतता की भावना आ गई थी.

लॉकडाउन शिथिल होने पर उन्हें लगा कि खतरा टल गया है. कितने ही लोगों ने त्यौहारों में मार्केट और सार्वजनिक जगहों पर भीड़ की और इस दौरान मास्क पहनना या सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी नहीं समझा. यह लापरवाही उन्हें महंगी पड़नी ही थी. भीड़ में कोई भी कोरोना पीड़ित हो तो संक्रमण जल्दी फैलता है. बच्चे स्वयं बीमार न भी पड़ें तो संक्रमण फैला सकते हैं. खासतौर पर बुजुर्गों तथा अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए खतरा अधिक है. हृदय रोग या डायबिटीज वालों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाने से वे जल्दी कोरोना की चपेट में आ जाते हैं. कोरोना की दूसरी लहर ठंड में पुन: सक्रिय होने का अंदेशा जताया गया था. यह बात सही साबित हुई. दिल्ली में मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है.

अहमदाबाद में पूरी तरह कफ्र्यू (Curfew)लगाने की नौबत आ गई. महाराष्ट्र में 23 नवंबर से स्कूलें खोली जानेवाली थीं लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकारी व निजी स्कूलें 13 दिसंबर तक बंद रखी जाएंगी अनेक शिक्षक भी कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं. दिल्ली-मुंबई विमान सेवा भी स्थगित कर दी गई है. दिल्ली से कोई कोरोना संक्रमित मुंबई न आने पाए, इसका ध्यान रखा जा रहा है. मध्यप्रदेश के 5 शहरों में रात का कफ्र्यू लगाया गया है. तमिलनाडु ने स्पष्ट और सख्त फैसला लेते हुए स्कूल खोलने की अपनी योजना टाल दी. अब वहां 31 दिसंबर तक स्कूल बंद रहेंगे. गुजरात, उत्तराखंड ने भी स्कूल खोलना टाल दिया है.