These players shine in IPL 2020

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    ऐसे समय जबकि अप्रैल और मई माह में देश के विभिन्न राज्यों के करोड़ों छात्र परीक्षा दे रहे होंगे उसी समय आईपीएल का आयोजन रखना अत्यंत अनुचित है. बीसीसीआई (BCCI) ने ऐसा अविवेकपूर्ण कदम क्यों उठाया? किशोरों और युवाओं को पहले ही कोरोना महामारी (Coronavirus) की वजह से घर में रहकर आनलाइन पढ़ाई करनी पड़ी जो क्लासरूम पढ़ाई के समान प्रभावी नहीं थी. उनका कोर्स भी पूरा नहीं हो पाया. अब ऐन परीक्षा के वक्त छात्रों का ध्यान बढ़ाने के लिए आईपीएल (IPL) टपक पड़ा.

    विद्यार्थियों (Students) का क्रिकेट के प्रति सहज आकर्षण रहता है. ऐसे में उनका पढ़ाई के प्रति एकाग्रता प्रभावित होगी. उनका मन आईपीएल मैचों की ओर भागेगा. यह पता ही नहीं चल पाएगा कि विद्यार्थी कमरे में बैठकर पढ़ाई कर रहा है या लैपटाप अथवा मोबाइल पर आईपीएल मुकाबला देखन में मग्न है. पहले ही कोरोना की वजह से शिक्षा क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा. शिक्षक और अभिभावक सभी चिंतित हैं कि परीक्षा (Exam)में विद्यार्थियों का क्या हाल होगा ऊपर से इसी समय आईपीएल का आयोजन भी रखवा दिया गया जो 9 अप्रैल से 30 मई तक चलेगा. खेल मंत्रालय तथा बीसीसीआई ने भी नहीं सोचा कि यह परीक्षा वाले महीने हैं. बोर्ड की परीक्षाएं छात्रों का भविष्य निर्धारित करती हैं. ऐसे समय पर आईपीएल रखनेका मतलब विद्यार्थियों का बेड़ा पार्क करना होगा.