राम मंदिर पर UP में ही जालसाजी

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जिस बात की आशंका थी, वही हुई. किसी लोकप्रिय व आस्था से जुड़े निर्माण कार्य के लिए चंदा जुटाने के अभियान में कुछ मौकापरस्त धूर्त लोग भी सक्रिय हो जाते हैं. ऐसे तत्वों का उद्देश्य सिर्फ अपनी जेबें भरना होता है. वे जनभावना का गलत लाभ उठाते हैं और भोली-भाली जनता से धोखाधड़ी करते हैं. अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि (Ayodhya Ram Mandir) पर बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए देश के आस्थावान लोग तन-मन-धन से अपना योगदान देना चाहते हैं. इसके लिए ईमानदारी से धन जुटाया जाए और उसका सही-सही हिसाब रखा जाए तो किसे आपत्ति होगी! लेकिन यदि कोई जालसाजी करे तो यह सरासर गलत ही नहीं, अपराध भी है.

विश्व हिंदू महाशक्ति संघ नामक संगठन (Vishwa Hindu Mahashakti Sangh) ने चंदे की रसीदें छपवाई हैं तथा रसीद पर यूपी के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह और बीजेपी के मुरादाबाद जिलाध्यक्ष राजपालसिंह चौहान (Rajpal Singh Chauhan) की तस्वीरें छापी गई हैं. जब मंत्री भूपेंद्र सिंह को इस तरह चंदा बटोरे जाने की जानकारी मिली तो बीजेपी जिला अध्यक्ष ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है तथा साइबर सेल को भी काम पर लगाया गया है. दूसरी ओर विश्व हिंदू शक्ति महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उनका संगठन 2018 से काम कर रहा है और वह जमा की जा रही रकम राम मंदिर को भेजने वाले थे. प्रश्न उठता है कि क्या चंदा जमा करने के लिए इस संगठन को विश्व हिंदू परिषद ने अधिकृत किया था? यदि नहीं तो उसे राममंदिर के नाम पर चंदा बटोरने का क्या अधिकार था? संगठन के नाम में भी विश्व हिंदू लगा रहने से कितने ही लोग झांसे में आ गए होंगे!