शाकाहारियों को कोरोना का जोखिम कम

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कोरोना संक्रमण (Coronavirus) किसे हो सकता है और किसे नहीं, यह दावा कोई भी डंके की चोट पर नहीं कर सकता. स्वस्थ और तगड़े दिखने वाले पुलिस व सेना के लोग तथा खिलाड़ी भी इसकी चपेट में आते देखे गए हैं. डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मी भी इससे नहीं बच पाए. इतने पर भी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) Council of Scientific and Industrial Research (CSIR) के सर्वेक्षण में दावा किया गया कि शाकाहारी (Vegetarians) भोजन करने वालों को कोरोना संक्रमण कम हुआ. सर्वे में यह विचित्र बात भी कही गई कि स्मोकिंग या धूम्रपान करने वालों को कोरोना का खतरा कम देखा गया.

गत वर्ष जब कोरोना का प्रकोप काफी अधिक था, तब फ्रांस के वैज्ञानिकों ने भी कहा था कि स्मोकिंग करने वाले कोरोना संक्रमण से बचे रहते हैं. फ्रांस की बड़ी आबादी स्मोक करती है, फिर भी यह बात कुछ जंचती नहीं क्योंकि धूम्रपान से कैंसर हो सकता है तथा यह फेफड़े व हार्ट के लिए हानिकारक है. ऐसे में कोरोना से इम्यूनिटी (Immunity) कैसे देगा? ऐसी बातें स्मोकिंग को बढ़ावा देती हैं. एक और बात इस सर्वे में कही गई कि ‘ओ’ ब्लड ग्रुप वाले लोग संक्रमण से काफी हद तक बचे रहते हैं जबकि बी और एबी ब्लड ग्रुप वाले अधिक जोखिम में रहते हैं.

जहां तक शाकाहार का मुद्दा है, इसके लाभ समझकर दुनिया के कितने ही देशों में इसे अपनाया जाने लगा है. कितने ही सेलेब्रिटीज व फिल्म कलाकार भी शाकाहारी हो गए हैं. मांसाहार से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है लेकिन प्रोटीन की बहुलता के नाम पर मांसाहार व अंडों का प्रचार किया जाता रहा है. वैसे लोग पहले से दलील देते रहे हैं कि शाकाहारी हाथी की आयु मांसाहारी बाघ से अधिक होती है.