कोरोना के दूसरे चरण पर PM की चेतावनी लॉकडाउन लगाने में चुनाव बाधक

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    एक ओर देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने जा रहे हैं वहीं इसी वक्त कोरोना के दूसरे चरण से पुन: भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी (Narendra modi) ने गहरी चिंता जताते हुए चेतावनी भी दी है. महाराष्ट्र, (Maharashtra) मध्यप्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण अत्यंत तेजी से फैलने लगा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा और वहां रेफरल सिस्टम व एम्बुलेंस नेटवर्क पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि कोरोना वायरस गांव तक पैर न पसारने पाए. अगर वायरस गांवों तक पहुंच गया तो भारी मुश्किल खड़ी हो जाएगी. पीएम ने कोरोना (Coronavirus) प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर बचाव संबंधी नियमों को सख्ती से लागू करने, आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लगाने जैसे सख्त कदम उठाने की निर्देश दिए हैं.

    नागिरक भी अधिकतम सावधानी बरतते रहें

    हर नागरिक को समझना चाहिए कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाए रखने, सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने, बार-बार साबुन से हाथ धोने, 2 गज की दूरी बनाए रखने, भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने जैसे उपायों का अवलंबन जारी रखना ही होगा. वैक्सीन लगवाने के बाद भी इन सारे नियमों का पालन आवश्यक है. जरा सी भी ढील बहुत महंगी पड़ सकती है. अत्यंत आवश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकला जाए, अन्यथा नहीं. कितने ही लोगों को शादी-ब्याह या अंत्येष्टि की भीड़ में शामिल होने से कोरोना संक्रमण हुआ है.

    वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाना और वेस्टेज-रोकना होगा

    प्रधान मंत्री ने कहा कि देश में वैक्सीनेशन की गति निरंतर बढ़ रही है. देश में लगभग 30 लाख वैक्सीन रोज लगाई जा रही हैं. इस रफ्तार को आगे बढ़ाना होगा. आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश में वैक्सीन वेस्ट (बरबाद) होने का आंकड़ा 10 प्रतिशत तक पहुंच गया है. ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. इसके लिए राज्यों को सख्ती बरतने की जरूरत है. वास्तव में वैक्सीन का बाक्स खोलने पर उसे 4 घंटे के भीतर टीके लगाकर समाप्त करना पड़ता है. इसके बाद बचा हुआ वैक्सीन निरुपयोगी हो जाता है. इसलिए टीका लगाने आए लोगों की तादाद देखते हुए ही पैकिंग खोली जाए व बाकी स्टाक डीप फ्रीजर में सुरक्षित रखा जाए.

    यदि इतना ध्यान रखें तो जीवनरक्षा के लिए उपयोगी वैक्सीन की बरबादी रोकी जा सकती है. जिन लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर व्यर्थ का बहस या आशंकाएं हैं, उन्हें दूर करना होगा. जो लोग वैक्सीन ले चुके हैं, वे अन्य लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करें कि इसमें कोई तकलीफ नहीं होती. यदि किसी को हल्का बुखार आया तो क्रोसीन या पैरासिक्माल लेने से उतर जाता है. पहली वैक्सीन लेने के 28 दिन बाद दूसरी डोज लेनी पड़ती है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में प्रतिदिन 3 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने पीएम से अधिक वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित करने का अनुरोध किया.

    राज्यों में चुनाव के कारण नहीं लगा पा रहे लॉकडाउन

    4 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में चुनाव की वजह से केंद्र सरकार समूचे देश में लॉकडाउन नहीं लगा पा रही है. स्वाभाविक है कि जहां भी चुनाव है वहां भीड़ उमड़ेगी और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ेंगी. कितने ही नेता मास्क लगाने को लेकर गंभीर नहीं दिखाई देते. रैलियों की भीड़ में एक भी व्यक्ति संक्रमित रहा तो न जाने कितने अन्य लोगों को संक्रमित कर देगा.

    निश्चित रूप से यह एक बड़ा खतरा है. जबसे होम क्वरंटाइन की अनुमति दी गई, कोरोना के मामले बढ़े है, इसलिए क्वारंटाइन सेंटर फिर खोले जाने चाहिए. टेस्टिंग बढ़ाई जाए. जरूरत हो तो घर-घर जाकर टेस्ट लिया जाना चाहिए. अनावश्यक घूमने वाले लोग खुद को संकट में डालते हैं इसलिए बिना किसी वजह के सैर सपाटा करनेवालों पर कार्रवाई की जाए. राज्य में सितंबर के बाद पहली बार कोरोना मरीजों की तादाद में इतनी अधिक वृद्धि देखने को मिली है. ऐसी हालात में सावधानी बरतना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है.