फास्ट फूड पड़ गया भारी नहीं मिला शाकाहारी मुकदमे की तैयारी

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    शाकाहार व्यक्ति के बुनियादी संस्कार से जुड़ा होता है. इसमें धार्मिक विश्वास, पारिवारिक परंपरा और जीवदया की भावना का समावेश होता है. यदि कोई शाकाहारी व्यक्ति धोखे से भी नानवेज मुंह में रख ले तो उसे पाप व आत्मग्लानि की अनुभूति होती है. गाजियाबाद में दीपाली त्यागी (Deepali Tyagi) नामक शाकाहारी महिला ने एक अमेरिकी रेस्टोरेंट को वेज पिज्जा आर्डर किया था लेकिन उसे मांसाहारी पिज्जा (Non Veg Pizza) भेज दिया गया.

    उसका एक टुकड़ा मुंह में रखते ही महिला को महसूस हुआ कि पिज्जा में मशरूम की बजाय मांस है. उसने तुरंत ग्राहक सेवा अधिकारी को फोन कर शिकायत की. कंपनी ने पूरे परिवार को फ्री पिज्जा देने का आफर दिया लेकिन उस नाराज महिला ने उपभोक्ता अदालत में कंपनी के खिलाफ 1 करोड़ रुपए (1 Crore Compensation) का दावा ठोक दिया. महिला की दलील है कि कंपनी ने उसके धार्मिक विश्वास व प्रथाओं को चोट पहुंचाई है और इसमें स्थायी मानसिक पीड़ा हुई है. उसे कई लंबे और महंगे धार्मिक अनुष्ठान करने पड़ेंगे जिसके लिए उसे अपने पूरे जीवन के दौरान लाखों रुपए खर्च करने होंगे. पता नहीं, यह मामला अदालत में कितना टिक पाएगा लेकिन उपभोक्ताओं के लिए यह एक बड़ा सबक है कि यदि वे शाकाहारी हैं तो आर्डर से मंगाए खाद्य पदार्थों के बारे में काफी सजग रहे कि कहीं नानवेज तो नहीं आ गया!