Image: SAIMedia/Twitter
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    नई दिल्ली: महज़ कुछ ही दिन बचे हैं ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) के शुरू होने में। जैसे जैसे दिन करीब आ रहे हैं, वैसे वैसे खेल प्रेमियों  उत्सुकता और भी बढ़ती जा रही है। ओलंपिक की शुरुआत 23 जुलाई से होना हो, ऐसे में कुछ कर गुजरने के लक्ष्य के साथ भारतीय दल का 88 सदस्यीय पहला जत्था रविवार की सुबह टोक्यो पहुंच गया है।

    कोविड-19 महामारी के बीच आयोजित किए जा रहे खेलों के लिए भारत के आठ खेलों तीरंदाजी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, हॉकी, जूडो, जिम्नास्टिक, तैराकी और भारोत्तोलन के खिलाड़ी, सहयोगी स्टाफ और अधिकारी नई दिल्ली से विशेष विमान से जापान की राजधानी पहुंचे। पहला जत्था 88 सदस्यों का है जिनमें 54 खिलाड़ियों के अलावा सहयोगी स्टाफ और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

    खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों को दी विदाई

    भारतीय खिलाड़ियों का हवाई अड्डे पर कुरोबे शहर के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। उनके हाथों में बैनर थे जिन पर लिखा था, ‘‘कुरोबे भारतीय खिलाड़ियों का समर्थन करता है। #चीयर्स4इंडिया।” हॉकी में पुरुष और महिला हॉकी टीमें शामिल हैं। यह किसी एक खेल में भारत का सबसे बड़ा दल है। बता दें कि शनिवार की रात को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर हर्ष ध्वनि, तालियों की गड़गड़ाहट और शुभकामना संदेशों के साथ भारतीय दल को औपचारिक विदाई दी। हवाई अड्डे पर अप्रत्याशित दृश्य देखने को मिला। ओलंपिक दल के लिए लाल कालीन बिछाया गया था।

    किरेन रिजिजू ने फेसबुक पर शेयर किया पोस्ट 

    इसके अलावा पूर्व खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर कर टीम को विदाई दी। उन्होंने लिखा, “एक राष्ट्र को एकजुट करने के लिए खेल की शक्ति: यह पूरे देश को राष्ट्रीय टीम के पीछे डालता है और एक आम उम्मीद और सपना साझा करता है। मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूँ क्योंकि हमारे भारतीय ओलंपिक कॉन्टिंगेंट को जापान के रास्ते पर #Tokyo2020 ओलंपिक के लिए हवाई अड्डे पर एक रोसिंग सेंड-ऑफ दिया गया है! चलो #Cheer4India” 

     

    किरेन का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है। वहीं देश को अपने इस सबसे बड़े भारतीय दल से काफी उम्मीदें भी हैं। इनमें से कुछ खिलाड़ियों से गोल्ड मैडल जीतने की भी उम्मीद लगाई जा रही है। बता दें कि, भारत के कुछ खिलाड़ी विदेशों में अपने अभ्यास स्थलों से पहले ही टोक्यो पहुंच चुके थे।