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आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2021) के मौके पर हम आपको कुछ ऐसी ही महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

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    नई दिल्ली. आज हमारे समाज की महिलाएं पुरुषों से कंधे से कंधा मिलकर हर काम कर सकती हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों को कांटे की टक्कर दे रही हैं। चाहे किसी बड़ी कंपनी में बड़े पोजीशन में काम करना हो या, मैदान पर कड़ी धुप में अपने खेल का प्रदर्शन दिखाना हो। महिलाएं सभी क्षेत्र में आगे हैं। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day 2021) के मौके पर  हम आपको कुछ ऐसी ही महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने आज खेल जगत में अपनी मेहनत से अपनी एक अलग जगह बनाई हैं। 

    मैरी कॉम (Mary Kom)

    6 बार विश्व चैंपियन रहने वाली मैरी दुनिया की अकेली महिला मुक्केबाज हैं। मैरी कॉम ने ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीते हैं। महिला मुक्केबाजी में ओलंपिक मेडल जीतने वाली मैरी पहली भारतीय हैं। मैरी कॉम के खेल को देखते हुए उन्हें साल 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं, इसके बाद साल 2006 में उन्हें पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया। साल 2009 में मैरी कॉम को खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया। इतना ही नहीं मैरी कॉम के नाम 6 बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने का विश्व रिकॉर्ड है। मैरी कॉम के नाम एक और कमाल का रिकॉर्ड दर्ज है।  मैरी कॉम दुनिया की अकेली मुक्केबाज हैं। जिन्होंने लगातार सात टूर्नामेंट में खेलते हुए पहली ही बार में मेडल जीता है। 

    पीवी सिंधु (P. V. Sindhu)

    भारत की बैडमिंटन प्लेयर पी वी सिंधु ने लगातार तीसरी बार ईएसपीएन की ‘वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी’ का पुरस्कार जीता। ओलंपिक खेलो में महिला एकल बैडमिंटन का रजत पदक जीतने वाली सिंधु  पहली खिलाड़ी हैं। बता दें कि सिंधु भारत की नैशनल चैम्पियन भी रह चुकी हैं। सिंधु ने नवंबर 2016 में चीन ऑपन का ख़िताब जीता है। इसके अलावा सिंधु ने BWF वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप का ख़िताब अपने नाम किया था। सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन प्लेयर  हैं। फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान की नोजुमी ओकुहारा को 21-7,21-7 से मात दी। 

    मिताली राज (Mithali Raj)

    भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाडी मिताली राज ने भी अपने कमाल के खेल से दर्शकों का दिल जीत लिया है। मिताली राज टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला हैं। मिताली राज महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 6,000 रनों को पार करने वाली एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं। मिताली राज भारत की पहली ऐसी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2 से ज्यादा रन बनाये। मिताली एकमात्र ऐसी खिलाड़ी (पुरुष या महिला) हैं जिन्होंने एक से अधिक आईसीसी ओडीआई विश्व कप फाइनल में भारत का नेतृत्व किया है।

    झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami)

    दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली वनडे महिला गेंदबाज़ हैं झूलन गोस्वामी। गोस्वामी ने ऑस्ट्रेलिया की कैथरीन फिट्जपैट्रिक का एक दशक पुराना रिकॉर्ड तोड़कर यह मुकाम हासिल किया था। वर्ष 2007 में झूलन को आईसीसी की साल की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर भी चुना गया था।

    सानिया मिर्जा

    Sania Mirza

    प्रसिद्ध भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा (Sania Mirza) देश की महिला खिलाड़ियों में सबसे बड़ा नाम है। अपने करियर में उन्होंने कई बार भारत का नाम रोशन किया है। उन्हें वर्ष 2005 में अर्जुन पुरस्कार मिला। 2005 के अंत में उनकी अंतरराष्ट्रीय एकल रैंकिंग 42 हो गई थी। यह किसी भी भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी का सबसे ज्यादा रैंकिंक है। साथ ही वह महिला डबल्स में लंबे समय तक नंबर एक पर रहीं। 2009 में वह भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं।

    साक्षी मलिक

    हरियाणा के रोहतक की रहने वाली साक्षी मलिक (Sakshi Malik) एक प्रसिद्ध भारतीय महिला पहलवान हैं। वर्ष 2016 में ब्राजील में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में साक्षी ने कांस्य पदक जीता था। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। इससे पहले वह ग्लासगो में आयोजित 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को रजत पदक दिला चुकी हैं। 

    पीटी उषा

    एथलेटिक्स उड़न परी के नाम से मशहूर पीटी उषा (PT Usha) को भारत में हर कोई  जानता है। उन्हें पयोली एक्सप्रेस के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय महिलाओं को खेल के ओर प्रोत्साहित करने में पीटी उषा का बहुत बड़ा योगदान है। वह देश के खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने  1982 के एशियाड में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक हासिल किया था। 

    दीपिका कुमारी

    Deepika Kumari

    दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) एक भारतीय महिला तीरंदाजी हैं। वर्ष 2009 में 15 साल की उम्र में दीपिका ने 11वीं युवा विश्व तीरंदाजी स्पर्धा जीती थी। तीरंदाजी में उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 2006 में हुई। उन्होंने 2006 में मेक्सिको में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में कम्पाउंड एकल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। फिर 2010 में एशियन गेम्स में कांस्य हासिल किया। इसके बाद कॉमनवेल्थ खेलों में महिला एकल और टीम के साथ दो स्वर्ण हासिल किए। राष्ट्रमंडल खेल 2010 में उन्होंने न सिर्फ व्यक्तिगत स्पर्धा के स्वर्ण जीते, बल्कि महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण दिलाया।