ऑस्ट्रेलिया में टीम से बाहर किये जाने का पृथ्वी शॉ ने साझा किया वाकया, कही ये बड़ी बात

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    मुंबई: आस्ट्रेलिया में भारतीय टीम से बाहर किये जाने के बाद पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने अपनी तकनीक के बारे में चिंता करना शुरू कर दिया था और उनका कहना है कि अपने खेल में कुछ तकनीकी बदलाव के बाद वह घरेलू क्रिकेट में फार्म में वापसी करने में सफल रहे। पिछले साल दिसंबर में 21 साल के इस खिलाड़ी को एडीलेड में शुरूआती टेस्ट में दो विफलताओं के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था।  

    मुंबई के बल्लेबाज ने हालांकि विजय हजारे ट्राफी में ऐसा प्रदर्शन किया जो टूर्नामेंट के इतिहास में किसी अन्य खिलाड़ी ने नहीं किया था, उन्होंने आठ मैचों में 827 रन बना दिये। इसके बाद साव ने दिल्ली कैपिटल्स के इंडियन सुपर लीग सत्र के शुरूआती मैच में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 38 गेंद में 72 रन बनाये। साव ने रविवार की रात पंजाब किग्स पर दिल्ली कैपिटल्स की जीत के बाद कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट के बाद टेस्ट टीम से बाहर किये जाने के बाद मैंने अपनी तकनीक के बारे में चिंता करना शुरू कर दिया कि मैं बोल्ड क्यों हो रहा था। भले ही यह मामूली सी गलती हो, मैं इसे कम करना चाहता था। मैंने वहीं पर इस पर काम करना शुरू कर दिया। ‘‘  

    उन्होंने पंजाब किंग्स के खिलाफ महज 17 गेंद में तीन चौके और दो छक्के से 32 रन बनाये। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने शुरूआती मूवमेंट पर काम किया, मैंने इसे और स्थिर बनाया और गेंदबाज के गेंदबाजी करने से पहले ही तैयार रहने पर काम किया। ” उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया से लौटने के बाद मैंने अपने कोच प्रशांत शेट्टी सर के साथ काम किया और प्रवीण आमरे सर के साथ भी, इसके बाद मैं विजय हजारे ट्राफी खेला और यह कारगर रहा। मैंने विजय हजारे ट्राफी में अपना नैसर्गिक गेम खेला, लेकिन मैंने कुछ तकनीकी बदलाव भी किये। इसके बाद यह ठीक रहा है। ”  

    शॉ ने कहा, ‘‘मुझे आईपीएल के टी20 प्रारूप के लिये काफी ज्यादा अभ्यास का मौका नहीं मिला। लेकिन मैंने रिकी पोंटिंग सर, प्रवीण आमरे सर और प्रशांत शेट्टी सर के साथ काफी अच्छे अभ्यास सत्र किये। ”इस प्रतिभाशाली बल्लेबाज ने यह भी कहा कि दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच पोंटिंग ने उन्हें मनमुताबिक बल्लेबाजी करने की आजादी दी।  

    उन्होंने कहा, ‘‘वह (पोंटिंग) कहते हैं, क्रीज पर जाओ और कुछ ज्यादा चीजों के बारे में सोचे बिना खेलो। पहले छह ओवरों में साझेदारियां काफी अहम होती हैं। हम (मैं और शिखर धवन) बल्लेबाजी के लिये उतरने से पहले इन चीजों के बारे में योजना बनाते हैं। ”(एजेंसी)