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भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी गुरजीत कौर (Gurjit Kaur) ने कहा कि ड्रैग फ्लिक करने की कला सीखना उनके करियर का ‘टर्निंग प्वाइंट' रहा क्योंकि इससे उन्हें राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए सफलता हासिल करने में मदद मिली।

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नयी दिल्ली. भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी गुरजीत कौर (Gurjit Kaur) ने कहा कि ड्रैग फ्लिक करने की कला सीखना उनके करियर का ‘टर्निंग प्वाइंट’ रहा क्योंकि इससे उन्हें राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए सफलता हासिल करने में मदद मिली। गुरजीत 2018 में एशियाई खेलों (Asian Games 2018) में रजत पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थीं। उन्होंने पिछले साल महिला एफआईएच सीरीज फाइनल्स में भारत के विजय अभियान में सर्वाधिक गोल किये थे।

गुरजीत ने हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ड्रैग फ्लिक करने की तकनीक की अच्छी तरह से सीख मेरे करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा। हॉकी टीम में हर किसी की अपनी भूमिका होती है और मुझे खुशी है कि मैंने अपनी टीम के लिये एक अच्छी ड्रैग फ्लिकर बनने के लिये अच्छे प्रयास किये। ” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मेरा करियर आगे बढ़ने के साथ ड्रैग फ्लिक सीखने और उसमें अभ्यस्त बनने में अपनी साथियों और कोचों से काफी मदद मिली।” यह 24 वर्षीय खिलाड़ी भारतीय टीम के लिये महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गयी है।

उन्होंने कहा कि जूनियर राष्ट्रीय शिविर से जुड़ने से पहले वह ड्रैग फ्लिकिंग की कला से खास अवगत नहीं थी। गुरजीत ने कहा, ‘‘मुझे 2012 में जूनियर राष्ट्रीय शिविर से जुड़ने से पहले ड्रैग फ्लिकिंग का अधिक ज्ञान नहीं था। मैंने शिविर से जुड़ने से पहले ड्रैग फ्लिक का अभ्यास किया था लेकिन मैंने इस तकनीक के बेसिक्स को अच्छी तरह से नहीं सीखा था। ” उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं शिविर से जुड़ी तभी मैं ड्रैग फ्लिकिंग के बेसिक्स को समझ पायी और फिर मैं इसमें महारत हासिल करने लगी।’  (एजेंसी)