लॉकडाउन में मुझे अपने खेल की कमियों की पहचान करने में मदद मिली :  कोठाजीत

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नई दिल्ली. भारतीय पुरुष हॉकी टीम के डिफेंडर कोठाजीत सिंह ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन से उन्हें अपने खेल की कमियों की पहचान करने में मदद मिली। कोठाजीत ने कहा कि लॉकडाउन में उन्होंने संयम का महत्व और हर तरह की स्थिति में खुद पर विश्वास रखने की जरूरत के बारे में समझा। हॉकी इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कोठाजीत ने कहा, ‘‘लॉकडाउन का दौर मुश्किल समय था। हॉकी के मैदान से दूर रहना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन इस दौरान मैंने चुपचाप बैठकर परिस्थितियों का आकलन करने के महत्व को समझा। ” उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने पिछले मैचों की कई फुटेज भी देखी और मैंने कुछ पहलुओं पर गौर भी किया जिन पर मुझे आगामी महीनों में काम करने की जरूरत होगी।

” भारत की तरफ से 200 से अधिक मैच खेलने वाले इस 28 वर्षीय डिफेंडर ने लॉकडाउन के दौरान के समय का उपयोग अपने लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर का मूल्यांकन करने के लिये भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं लगभग सात साल से भारतीय टीम के साथ हूं और इसलिए मैंने लॉकडाउन के समय इस पर भी विचार किया कि मैं अपने करियर में कैसे आगे बढ़ा। मुझे निश्चित तौर पर यह अहसास हुआ कि धैर्य बनाये रखना और निरंतर अपने काम में लगे रहना एक खिलाड़ी की जिंदगी के लिये अहम होते हैं। ”

कोठाजीत ने कहा, ‘‘मौके आएंगे और जाएंगे लेकिन सबसे महत्वपूर्ण हमेशा अपना शत प्रतिशत योगदान देना और मैदान पर हमेशा खुद पर विश्वास बनाये रखना होता है। ” मणिपुर के इस खिलाड़ी ने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण के बेंगलुरू स्थित केंद्र में नियमित फिटनेस ट्रेनिंग करके वह शारीरिक और मानसिक तौर पर तरोताजा बने रहे। उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य शारीरिक फिटनेस बनाये रखना था। लगातार व्यायाम से किसी को भी मानसिक और शारीरिक तौर पर तरोताजा बने रहने में मदद मिलती है।”(एजेंसी)