30 जुलाई 1990 : आज ही के दिन कपिल देव ने खेली थी तूफानी पारी

Loading

नई  दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज पूर्व कप्तान कपिल देव को क्रिकेट के इतिहास में महान ऑलराउंडरों में एक माना जाता है। जिम्बाब्वे के खिलाफ 1983 के वर्ल्ड कप में कपिल की 175* की धमाकेदार पारी आज भी लोगों के जहन में तरोताजा है। उन्होंने शानदार बल्लेबाजी के साथ टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा 434 विकेट के लिए याद किया जाता है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को कई बार अपनी दमदार बल्लेबाजी से मुश्किल दौर से बहार निकला है।   

30 जुलाई 1990 आज ही के दिन कपिल ने इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर टेस्ट मैच में खेला था। इस मैच में इंग्लैंड ने ग्राहम गूच की 333 रन की जोरदार पारी खेली और 653/4 का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। जिसके खिलाफ भारत के मोहम्मद अजहरुद्दीन (121) और रवि शास्त्री (100) के शतकों से क्रीज पर डटे रहे परंतु उनकी बल्लेबाजी कुछ खास कमल नहीं कर पाई और भारत का स्कोर 9 विकेट पर 430 रन हो गया। फॉलो ऑन बचाने के लिए 24 रन की जरूरत थी और क्रीज पर मौजूद थे कपिल देव और स्पिन गेंदबाज नरेंद्र हिरवानी। हिरवानी को कमजोर बल्लेबाज माना जाता था। ऐसे में भारत के लिए फॉलो ऑन बचाना लगभग असंभव लग रहा था।  

इस समय कपिल देव का बल्ला ऐसा चला की उन्होंने एडी हैमिंग्स के एक ही ओवर में लगातार चार गेंदों पर चार छक्के जड़ दिए और भारत फॉलो ऑन से बच गया। कपिल ने हैमिंग्स के ओवर की पहली दो गेंदों को रक्षात्मक ढंग से खेलने के बाद अगली चार गेंदों पर जोरदार छक्के जड़े और लॉर्ड्स में मौजूद हर दर्शक को उनकी इस धाकड़ बैटिंग की तारीफ करने को मजबूर कर दिया। फॉलो ऑन बचाने के लिए कपिल द्वारा अपनाया गया ये तरीका बिल्कुल ही मुफीद था क्योंकि अगली ही गेंद पर फ्रेजर ने नरेंद्र हिरवानी को एलबीडब्ल्यू आउट करके 454 के स्कोर पर ही भारतीय पारी का अंत कर दिया। कपिल देव 75 गेंदों पर 8 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 77* रन बनाकर नॉट आउट रहे।  

हालांकि भारत को इस मैच में इंग्लैंड से 247 रन से हार का सामना करना पड़ा परंतु कपिल देव की फॉलो ऑन बचाने के लिए खेली गई यह पारी हमेशा के लिए यादगार बन गई।