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    तोक्यो. भारतीय महिला हॉकी टीम (India Women Hockey) को दूसरे हाफ में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद धीमी शुरुआत का खामियाजा ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain) के खिलाफ 1-4 की हार के साथ भुगतना पड़ा जो तोक्यो ओलंपिक की महिला हॉकी स्पर्धा के पूल ए में उसकी लगातार तीसरी हार है। गत चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन की ओर से हेना मार्टिन (दूसरे और 19वें मिनट) ने दो जबकि लिली आउस्ले (41वें मिनट) और ग्रेस बाल्सडन (57वें मिनट) ने एक-एक गोल दागा। दुनिया की 11वें नंबर की टीम भारत की ओर से एकमात्र गोल शर्मिला देवी (23वें मिनट) ने किया। भारत को इससे पहले विश्व में नंबर एक नीदरलैंड के खिलाफ 1-5 और जर्मनी के खिलाफ 0-2 से हार झेलनी पड़ी थी।

    भारतीय टीम को पूल ए में अपने अंकों का खाता खुलने का अब भी इंतजार है। भारत छह टीमों के पूल में पांचवें स्थान पर है। टीम को अगर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदों को जीवंत रखना है तो अपने अंतिम दो मैचों में आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। टूर्नामेंट में धीमी शुरुआत करने वाली विश्व में पांचवें नंबर की ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने जर्मनी के खिलाफ 1-2 की हार से शुरुआत करने के बाद लगातार दूसरी जीत दर्ज की। टीम के तीन मैचों में छह अंक हो गए हैं।

    भारत को धीमी शुरुआत का खामियाजा भुगतना पड़ा। ब्रिटेन ने चारों क्वार्टर में एक-एक गोल दागा। टीम ने अपने पहले दो गोल शुरुआती मिनटों जबकि आखिरी दो गोल अंतिम मिनटों में किए। भारतीय टीम ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन यह टीम को हार से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं था। इसके अलावा अंपायरों के कुछ फैसले भी टीम के खिलाफ गए। ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने मुकाबले में तेज शुरुआत की और पहले क्वार्टर में अधिकांश समय हावी रही। टीम ने गेंद को अधिक समय अपने कब्जे में रखा और लगातार हमले बोलकर भारतीय रक्षापंक्ति पर दबाव बनाए रखा। पहले क्वार्टर में अधिकांश खेल भारतीय हाफ में ही खेला गया। ग्रेट ब्रिटेन को इसका फायदा दूसरे ही मिनट में मिला जब हेना मार्टिन ने भारतीय गोलकीपर सविता को छकाते हुए मैदानी गोल दाग दिया।

    ग्रेट ब्रिटेन ने छठे मिनट में एक और अच्छा मूव बनाया लेकिन सारा रोबर्टसन गोलमुख के करीब मिले पास को अपने कब्जे में लेने में विफल रही। ग्रेट ब्रिटेन को 11वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन गिसेले एन्सले और लॉरा अंसफोर्थ के प्रयास नाकाम रहे। भारत ने भी इसके बाद पलटवार किया और इसका फायदा टीम को 12वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर गोल करने में नाकाम रही। दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में भी ग्रेट ब्रिटेन का ही दबदबा देखने को मिला।

    भारतीय रक्षापंक्ति ने इस बीच एक और चूक की और मार्टिन ने सविता से रिबाउंड होकर आई गेंद को बैक हिट लगाकर भारतीय गोलकीपर के पैरों के बीच से गोल में डालकर ग्रेट ब्रिटेन को 2-0 से आगे कर दिया। भारत ने भी हमले तेज किए। कप्तानी रानी रामपाल के पास 22वें मिनट में गोल करने का मौका था लेकिन वह ग्रेट ब्रिटेन की रक्षापंक्ति को भेदने में नाकाम रहीं। भारत को अगले ही मिनट में मैच का तीसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला और इस बार गुरजीत के शॉट को शर्मिला देवी ने गोल का रास्ता दिखा दिया।

    ग्रेट ब्रिटेन की गोलकीपर मेडेलिन क्लेयर हिंच काफी आगे निकल गईं थी और उनके पास कोई मौका नहीं था। अगले ही मिनट में रानी के खिलाफ फाउल पर भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने इसे बर्बाद कर दिया जो गेंद को रोकने में ही नाकाम रहे। क्वार्टर के अंतिम मिनट में भारत ने अच्छा मूव बनाया लेकिन एक बार फिर ग्रेट ब्रिटेन की रक्षापंक्ति मजबूत किले की तरह खड़ी रही। भारत को तीसरे क्वार्टर के पहले ही मिनट में तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दीप ग्रेस गोल करने में नाकाम रहीं। ग्रेट ब्रिटेन ने पलटवार करते हुए अगले ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन सविता ने हमले को विफल कर दिया।

    भारत को 37वें मिनट में वीडियो रैफरल पर एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गुरजीत के शॉट में कोई दम नहीं था। ग्रेट ब्रिटेन को 41 मिनट में चौथा पेनल्टी कॉर्नर मिला। एना फ्रांसिस टोमन की ड्रैग फ्लिक को सविता ने रोका लेकिन रिबाउंड होकर आई गेंद को लिली आउस्ले ने गोल में पहुंचा दिया। भारत ने इस गोल के खिलाफ वीडियो रैफरल लिया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन की खिलाड़ी की स्टिक से लगकर गेंद के खतरनाक तरीके से उछलने के बावजूद गोल को मान्य करार दिया गया। ग्रेट ब्रिटेन को अगले ही मिनट एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इसे भारतीय रक्षापंक्ति ने विफल कर दिया।

    अंतिम क्वार्टर में भी ब्रिटेन ने कई अच्छे हमले किए लेकिन सविता ने विरोधी खिलाड़ियों को गोल से वंचित रखा। ग्रेट ब्रिटेन को 57वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले। इस पर गोल तो नहीं हुआ लेकिन सुशीला चानू के शरीर से गेंद टकराने से टीम को पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे ग्रेस बाल्सडन ने गोल में बदलकर स्कोर 4-1 कर दिया जो निर्णायक स्कोर साबित हुआ। (एजेंसी)