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    नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में पहलवान दीपक पूनिया (Deepak Punia) के हाथ निराशा लगी है। सेमीफाइनल के मैच में वह अमेरिका के डेविड टेलर से हर गए हैं। हालांकि अभी भी मेडल की उम्मीद बरकरार है। वह अभी भी कांस्य पदक को अपने नाम कर सकते हैं। बता दें कि कुश्ती में सेमीफाइनल जीतने वाले पहलवानों के बीच गोल्ड के लिए मुकाबला होता है। वहीं सेमीफाइनल हारने वाले पहलवान को ब्रॉन्ज मेडल के लिए रेपचेज राउंड खिलाया जाता है।

    वहीं टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में पहलवान रवि कुमार दहिया (Ravi Kumar Dahiya) ने नुरिसलाम सनायव को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल (Ravi Kumar Dahiya In Final) में जगह बना ली है। अब भारत की उम्मीद इनसे और भी बढ़ गई है। फाइनल में रवि अब गोल्ड के लिए लड़ेंगे। जिसका मतलब है कि भारत के नाम अब एक और मेडल पक्का हो गया है।

    इतिहास को देखें तो, केडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक अपने नाम किया था। सुशील ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले अकेले भारतीय खिलाड़ी थे, लेकिन बैडमिंटन स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु ने इस बार के ओलंपिक में कांस्य जीतकर उनकी बराबरी कर ली है।