What did Kohli say on comparing Viv Richards? Greg Chappell opened the secret

Loading

-विनय कुमार

भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli)  ने 2014 के इंग्लैंड दौरे (England Tour) को अक्सर क्रिकेट करियर का सबसे कठिन दौर बताया है। विराट इंगलैंड के दौरे  पर बल्लेबाजी के खराब फॉर्म से गुजर रहे थे और  जो इंग्लड के घातक तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन (James Anderson) के स्विंग का शिकार हो रहे थे। इससे विराट का आत्मविश्वास भी थोड़ा डिगा हुआ था। इससे उबरने और अपनी ओरिजिनल फॉर्म में लौटने के लिए उन्होंने बहुत पसीना बहाया।

‘Sydney Morning Herald’ में अपने कॉलम में ऑस्ट्रेलिया (Australia Former Captain) के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल (Greg Chappell) और टीम इंडिया के पूर्व चीफ़ कोच ने लिखा कि कैसे विराट कोहली ने खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से पाया। उन्होंने बताया कि विराट ने टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी  लालचंद राजपूत और सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) से सलाह।

ग्रेग चैपल (Greg Chappell) ने लिखा, “क्रिकेट के नजरिए से विराट के लिए करियर में एक अहम मोड़ 2014 में इंग्लैंड का उनका निराशाजनक दौरा था। इंग्लिश टीम की स्थिति और गेंदबाजों ने, ख़ास कर एंडरसन ने बल्लेबाजी को ज़्यादा कठिन बना दिया था।”

इंग्लैंड के दौरे से लौटने के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) ने मदद के लिए टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी लालचंद राजपूत से मुलाक़ात की। 14 दिन साथ बिताए। बेहतरीन गेंदबाजों से निपटने के लिए बेहतर पॉजिशन पर मंथन किया। सचिन तेंडुलकर ने भी टॉप के गेंदबाजों का सामना करने के लिए कुछ तरीके बताए।

बताया गया कि, इसी दरम्यान लालचंद राजपूत ने विराट कोहली से कहा कि वह विव रिचर्ड्स (Vivian Richards) जैसे खिलाड़ी हो सकते हैं। लेकिन कोहली आश्वस्त नहीं थे। 

इसपर कोहली ने कहा था, “नहीं सर, वह मेरे लिए बहुत महान हैं। अब यह एक पुराने स्टेटमेंट की तरह लग रहा है। सर विवियन को गर्व होगा कि कोहली ने कुछ पारियां खेली हैं, जो कि कोहली ने बीच के सालों में खेली हैं।

Greg Chappell ने आगे ये भी कहा कि, इंग्लड के दौरे के बाद का दौरा एक वाटरशेड था। जिसमें उन्होंने अपने करियर को एक ठोस मुकाम पर स्थापित कर दिया। यह देश उनके दिल में एक ख़ास जगह रखता है क्योंकि “सम्मान कमाना पड़ता है, यह आसानी से नहीं मिला है।