नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक के आखिरी दिन चीन के एथलीट ने एक ऐसी हरकत कर दी है, जिसकी वजह से उनका गोल्ड मेडल भी छिना जा सकता है। टोक्यो ओलंपिक में चीन सायकलिंग का गोल्ड जीतने वाले चाइनीज एथलीट खिलाड़ी का मेडल वापस लिया जा सकता है। इसके साथ चीन के एथलीटों पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।
ओलंपिक खेलों में किसी भी देश के खिलाड़ी, जाती वर्ण वर्ग या सांप्रदायिक धार्मिक प्रतिरूप या ऐसा कोई अन्य चिन्ह पोशाक का उपयोग नहीं कर सकते हैं। साथ ही किसी भी धर्म और जाती के प्रति हिन भावना या कोई अंतर दिखते हो उनका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, लेकिन ओलंपिक के इसी नियम और खेल भावना के विरुद्ध जाकर चीन के खिलाड़ी मेडल सेरेमनी के दौरान पोडियम पर ‘माओ’ के बैज लगाकर पहुंच गए।
आज के समय में चीन की हरकतों से पूरी दुनिया वाकिफ है। चीन छोटे देशों को अपनी कर्जनिति में फंसाकर उनकी जमीनों पर कब्ज़ा कर रहा है। अब तक दुनिया के करीब एक दर्जन से ज्यादा देशों को चीन ने अपनी इस निति का शिकार बना लिया है। वहीं चीन में राजशाही को खत्म करने के लिए माओत्से तुंग ने कम्युनिस्ट शासन की स्थापना की थी। जिसके बाद से ही चीन की सरकार माओ को ही अपना आदर्श मानने लगी है। चीन ऐसे प्रयास में लगा हुआ है कि पूरी दुनिया माओ को ही अपना आदर्श माने। इसी वजह से ओलंपिक में चीन के खिलाड़ियों ने यह हरकत कर दी।
बता दें कि, टोक्यो ओलंपिक में चीन ने ही सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीते हैं। इस वजह से अमेरिका और जापान को चीन दिखाना चाहता है कि कम्युनिस्ट शासन सबसे श्रेष्ठ है और इसी वजह से मेडल सेरेमनी में चीन के खिलाड़ी माओ का बेच लगाकर पहुंच गए।