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    मुंबई: भारत में जन्मे न्यूजीलैंड के क्रिकेटर ऐजाज पटेल को यह नहीं पता है कि टेस्ट मैच की एक पारी में 10 विकेट झटकने के बाद उनकी जिंदगी में क्या बदलाव आयेगा लेकिन इस प्रदर्शन के बाद उन्हें अपने देश के लिए 80-90 टेस्ट खेलने की उम्मीद है। मुंबई में जन्मे 33 साल के इस बायें हाथ के गेंदबाज ने पिछले सप्ताह इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज कराया। उन्होंने भारत की पहली पारी में सभी 10 विकेट लिए। वह जिम लेकर और अनिल कुंबले के बाद ऐसा करने वाले सिर्फ तीसरे क्रिकेटर बने।

    ऐजाज के परिवार के कई सदस्य अब भी मुंबई में रहते हैं। भारतीय टीम से टेस्ट श्रृंखला को 0-1 से गंवाने के बाद यहां से न्यूजीलैंड लौटने से पहले उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के बाद वह पैसे की बारिश की उम्मीद नहीं कर रहे हैं लेकिन उनकी कोशिश  एशियाई मूल के बच्चों को न्यूजीलैंड में खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित करने की होगी। ऐजाज से जब इस प्रदर्शन के बाद जिंदगी में आये बदलाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ ईमानदारी से कहूं तो मैंने इसके बारे में कुछ सोचा नहीं है। मैं इस समय अपने वर्तमान में हूं।”

    उन्होंने कहा, ‘‘ हां, मैंने कुछ अद्भुत हासिल किया है, लेकिन यह एक नया दिन है और अभी और क्रिकेट खेलना बाकी है।  मेरे लिए यह  जमीन से जुड़े रहने के बारे में है ।” उन्होंने कहा, ‘‘  यह वास्तव में मुझ पर बहुत अधिक प्रभाव डालने वाला नहीं है क्योंकि मैं जानता हूं कि मेरे करियर में अभी बहुत कुछ बाकी है। और अगर आप मेरे करियर को देखें, तो मैंने अभी सिर्फ 11 मैच खेले हैं।  मैं उन क्रिकेटरों की सूची में शामिल होना चाहता हूं , जिन्होंने न्यूजीलैंड के लिए 80 या 90 टेस्ट मैच खेले हैं। 

    ऐजाज ने इस मौके पर नस्लवाद और 2019 में क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर हुए आतंकवादी हमले के बारे में भी बात की। ऐसे समय में जब ब्रिटिश एशियाई क्रिकेटर अजीम रफीक ने लगाए गए नस्लवाद के आरोपों से इंग्लैंड के क्रिकेट में भूचाल आया है तब ऐजाज ने कहा कि न्यूजीलैंड में उन्हें कभी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा।

    उन्होंने कहा, ‘‘हम अब एक खेल के नजरिए से विविधता और नस्लवाद के बारे में बात करते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह कुछ ऐसा है जिसने मुझे विशेष रूप से मेरी संस्कृति में इतना प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने वास्तव में अपनी यात्रा के दौरान न्यूजीलैंड में काफी सहज महसूस किया है। जैसे ही मैं आया, मैं ब्लैककैप्स (न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम) के वातावरण की तुलना में बहुत आभारी हूं और वे मेरी संस्कृति, मेरी मान्यताओं का बहुत सम्मान करते हैं, जैसे कि अगर मुझे हलाल भोजन की आवश्यकता होती है, तो वे इसे कहीं से भी मंगवाएंगे। ” उन्होंने क्राइस्टचर्च हमले के बाद अपने पड़ोसियों से मिले समर्थन को भी याद किया।

    ऐजाज ने कहा, ‘‘जब ऐसा हुआ तो इसका मुस्लिम समुदाय पर बहुत प्रभाव पड़ा था। हम सभी उस समय डरे हुए थे। लेकिन जिस तरह से हमारी सरकार ने इसे और पूरे समुदाय को संभाला, उससे हमें बहुत प्यार मिला।” उन्होंने अपने कोच रोलैंड बैरिंगटन को भी  सफलता का श्रेय दिया। कर्नाटक के पूर्व क्रिकेटर बैरिंगटन न्यूजीलैंड में बस गये थे। 

    उन्होंने कहा कि भारत की पहली पारी में नौवां विकेट लेने से पहले उनका ध्यान उपलब्धि से ज्यादा बेहतर गेंदबाजी करने पर था।  उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो नौवां विकेट मिलने तक मैं इसके बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहा था क्योंकि मेरा स्पैल काफी लंबा था। एक स्पिनर के रूप में आप एक समय में एक गेंद पर ध्यान केंद्रित करते हैं और बहुत आगे की नहीं सोचते है।” 

    ऐजाज ने कहा, ‘‘ इसलिए मेरा मुख्य ध्यान सिर्फ सर्वश्रेष्ठ गेंद डालने पर था। मैं जानता था कि अगर मैं सभी 10 विकेट ले ले लूंगा तो  यह एक विशेष उपलब्धि होगी ।'(एजेंसी)