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    -विनय कुमार

    भारत का साउथ अफ्रीका (South Africa vs India Bilateral Series) में टेस्ट सीरीज जीतने का सपना फिर अधूरा रह गया। तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में जीत हासिल करने के बाद अगले 2 मुकाबलों में भारत को साउथ अफ्रीका ने धूल चटा दिया। भारत की टीम 1-2 से टेस्ट सीरीज हार गई। हालांकि, सीरीज से पहले टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका के दौरे में जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन टीम के कुछ अनुभवी बल्लेबाजों का बल्ला खामोश रहा और सारी दावेदारी बेकार गई।

    टेस्ट क्रिकेट के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) और चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का बल्ला पूरी तरह ठंडा नजर आया। वहीं, ODI Cricket में वापसी कर रहे सीनियर खिलाड़ी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) और तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (Bhuvaneshwar Kumar) भी बेअसर रहे। यही वजह है कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में टीम इंडिया का सूपड़ा साफ होने के बाद केएल राहुल (KL Rahul) की कप्तानी की दावेदारी भी कमजोर हो गई।

    लंबे समय से अजिंक्य का बल्ला है खामोश

    लंबे समय से अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, भारत के पिछले  ऑस्ट्रेलिया के दौरे में ऑस्ट्रेलिया को (Australia vs India Test Series 2020-2021) हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन, उसके बाद उनके प्रदर्शन में धार नजर नहीं आई। वो लगातार पिच पर टिकने में असफल होते दिख रहे हैं। ये भी भारतीय टीम की हार की वजह बन रहा है।

    साउथ अफ्रीका दौरे में अजिंक्य के बल्ले से  3 टेस्ट मैचों की 6 पारियों में सिर्फ 136 रन निकले। इस सीरीज में उनका औसत 22.67 का रहा। टेस्ट क्रिकेट का इतिहास बताता है कि उन्होंने साल 2020 से अबतक खेले कुल टेस्ट मैचों की 35 पारियों में 23.40 की औसत से सिर्फ 819 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 1 सेंचुरी और 3 हाफ सेंचुरी निकली है।

    चेतेश्वर ने भी किया टीम को निराश

    चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने साल 2020 से अब तक खेले कुल टेस्ट मैचों में एक भी सेंचुरी नहीं ठोकी है। 2020 से लेकर अब तक उन्होंने टेस्ट मैचों की कुल 38 पारियों में 25.60 की औसत से 973 रन बनाए हैं। 

    साउथ अफ्रीका के खिलाफ ताजा सीरीज में हालिया दौरे पर अजिंक्य और चेतेश्वर के लचर प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय टीम के सिलेक्टर्स द्वारा उनका विकल्प ढूंढना लाजिमी होगा। ऐसे में दोनों के टेस्टकरियर पर खतरा जाहिर है मंडरा रहा है।

    वापसी पर बेअसर दिखे अश्विन

    साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैदान में नजर आए रविचंद्रन अश्विन 4 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद वनडे क्रिकेट लौटे। उन्होंने भी टीम सिलेक्टर्स को निराश किया। टेस्ट क्रिकेट के सफलतम गेंदबाजों में गिने जाने वाले शानदार स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin off-spinner Team India) साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में खेले 2 मैचों में सिर्फ 1 विकेट ही हासिल कर पाए। उनका यह प्रदर्शन व्हाइट बॉल क्रिकेट (White Ball Cricket) करियर पर पूर्ण विराम लगा सकता है।

    उम्मीदों पर खोटे साबित हुए भुवनेश्वर कुमार

    पिछले कुछ वक्त से इंजरी से परेशान रहे स्विंग तेज़ गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (Bhuvaneshwar Kumar) फॉर्म पाने में नाकाम रहे। साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले 2 मैचों में वो एक भी विकेट झटक नहीं पाए। इस सीरीज में फेंके कुल 18 ओवर में वो बहुत ही महंगे साबित हुए। उन्होंने 138 रन लुटाए। उनका यह ताजा निराशाजनक प्रदर्शन उनके वनडे अंतरराष्ट्रीय करियर के लिए बाधा बन सकता है।

    कप्तानी में केएल राहुल का निराशाजनक प्रदर्शन

    वनडे टीम के नए नियुक्त किए गए रेगुलर   कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के फिटनेस इश्यू के कारण साऊथ अफ्रीका के दौरे में बाहर रहे, जिसके कारण केएल राहुल (KL Rahul) को वनडे सीरीज की कप्तानी का जिम्मा सौंपा गया था। भारतीय टीम मैनेजमेंट और हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid Head Coach Team India) को उनके नेतृत्व में टीम की जीत पुख्ता लग रही थी। लेकिन, केएल राहुल उनकी उम्मीदों पर विफल रहे। उनकी कप्तानी में प्लानिंग की कमी नज़र आई और उसका असर मैदान पर उनकी तरफ से लिए गए फैसलों में साफ दिखा। उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को तीन में से एक मुकाबले।में भी जीत हासिल नहीं की।