PIC: Twitter
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    आसान नहीं होता किसी पिता के लिए कि उसका बच्चा उसके सामने दम तोड़ दे। पिता के लिए इससे बड़ा कोई गम नहीं होता। इस गम से उबर पाना बेहद मुश्किल होता है। लेकिन, वो खिलाड़ी उबरा तो नहीं, फिर भी जब बात क्रिकेट की आई तो एक अनोखे जज्बे के साथ मैदान पर उतरा और एक ऐसी मिसाल पेश की, जिसकी हर तरफ तारीफ की जा रही है। हम बात कर रहे हैं विष्णु सोलंकी (Vishnu Solanki) की, जिन्होंने रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में चंडीगढ़ के खिलाफ मुकाबले में शतक जड़ा है। 

    विष्णु सोलंकी कुछ दिन पहले ही पिता बने थे। उनके घर एक नन्ही सी बच्ची का जन्म हुआ था, लेकिन कुछ खराब सेहत से जुड़े वजहों को लेकर उसका निधन हो गया। बेटी के निधन ने विष्णु को झकझोर दिया। उनके परिवार में मातम पसर गया। सदमा काफी बड़ा था। लेकिन, बड़ौदा (Baroda) के लिए क्रिकेट खेलते समय विष्णु ने सदमें को साइड में रखा और मैडना पर उतरे और उस मैच में रंग जमाने।

    चंडीगढ़ के खिलाफ विष्णु ने बड़ौदा के लिए गजब की पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी में शानदार शतक जड़ा। मुश्किलों को पार कर विष्णु सोलंकी ने 12 चौकों की मदद से 104 रन बनाए। उनके इस पारी और जज्बे को देख बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के CEO ने उन्हें रियल हीरो कह दिया। इतना ही नहीं विष्णु सोलंकी के इस दिलेरी वाली पारी पर विरोधी टीमों के खिलाड़ी भी उन्हें सलाम करते दिखे।

    रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप बी के खेले मुकाबले में विष्णु के बल्ले से निकली इस शतकीय पारी के चलते टीम को चंडीगढ़ पर बढ़त मिली। साथ ही टीम अच्छी पोजीशन में पहुंची। इसके अलावा उनकी पारी को देख सौराष्ट्र से रणजी ट्रॉफी खेल रहे बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन तो उन्हें सलाम ही करने लगे। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ” क्या खिलाड़ी है। मैं जितनों को जानता हूं शायद ही कोई इतना कोई टफ प्लेयर हो। मेरी ओर से विष्णु और उनके परिवार को सलाम है। मैं चाहूंगा कि अभी ऐसे और शतक उनके बल्ले से निकलते दिखें।” विष्णु की पारी ने हर किसी का दिल जीता है।