नयी दिल्ली: पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में अध्यक्ष के तौर पर सफर अब ख़त्म ही होने वाला है। अब उनकी जगह पूर्व भारतीय क्रिकेटर रोजर बन्नी बीसीसीआई के नए अध्यक्ष बनने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, गांगुली ने भी बीसीसीआई से अलग होने का पूरा मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि, अब वह किसी और बड़े काम पर फोकस करेंगे।
बीसीसीआई (BCCI) के नए अध्यक्ष को लेकर हो रही चर्चा के बीच सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने खुद सामने आकर चुप्पी तोड़ी है। सौरव गांगुली ने कहा, ”मैं लंबे समय तक प्रशासक रहा हूं। लेकिन अब मैं अपने जीवन में आगे बढ़ रहा हूं।” सौरव गांगुली ने कहा, ”आप जिंदगी में कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन मेरे लिए सबसे अच्छा समय वो रहा जब मैं इंडिया की ओर से 15 साल तक खेलता रहा। मैं बीसीसीआई का अध्यक्ष भी रहा। अब मेरा ध्यान कुछ बड़ा काम करने पर है।”
I was president of Cricket Association Bengal for 5 yrs & served as president of BCCI for 3 yrs. After tenure gets over,you’ve to go. You can’t play & remain an administrator forever. It was great seeing both sides of the coin as a player & administrator: BCCI Pres Sourav Ganguly pic.twitter.com/SSdmBzTKc4
— ANI (@ANI) October 13, 2022
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) नई कहा, ‘मैं 5 साल तक क्रिकेट एसोसिएशन बंगाल का अध्यक्ष था और 3 साल तक BCCI के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। कार्यकाल समाप्त होने के बाद, आपको जाना होगा। आप खेल नहीं सकते और हमेशा के लिए प्रशासक बने रह सकते हैं। एक खिलाड़ी और प्रशासक के रूप में सिक्के के दोनों पक्षों को देखकर बहुत अच्छा लगा।’
“One cannot stay in administration forever,” says Sourav Ganguly on his future as BCCI president
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— ANI Digital (@ani_digital) October 13, 2022
उन्होंने कहा कि, ”इतिहास में मेरा विश्वास नहीं रहा है। लेकिन मेरी नजर इस बात पर रही है कि ईस्ट में इंटरनेशनल लेवल पर खेलने वाले टैलेंट की कमी रही है। कोई भी एक दिन में अंबानी या नरेंद्र मोदी नहीं बन जाता है। आपको ऐसा बनने के लिए सालों तक मेहनत करनी पड़ती है।”
मालूम हो कि, बीसीसीआई के संविधान में संशोधन होने के बाद ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि, सौरव गांगुली दूसरी बार बीसीसीआई के अध्यक्ष बनेंगे। लेकिन, सौरव गांगुली पर बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर नाकाम रहने के आरोप भी लगे हैं।