PIC: Twitter
PIC: Twitter

    Loading

    नई दिल्ली: दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) के फाइनल मुकाबले में साउथ जोन ने वेस्ट जोन को 294 रनों से मात दी। साउथ जोन ने 529 रनों के टारगेट वेस्ट जोन के सामने रखा था, लेकिन वेस्ट जोन महज़ 234 रनों पर ही सिमट गई। हालांकि, फाइनल मुकाबले का आखिरी दिन काफी विवादों से भरा हुआ था। इस मुकाबले में साउथ जोन के कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने अपनी टीम के युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) को मैदान से बाहर जाने को कह दिया था।

    दरअसल, यशस्वी जायसवाल के अनुशासनहीन रवैये के चलते रहाणे को ऐसा कदम उठाना पड़ गया था। यशस्वी साउथ जोन के बल्लेबाजों खासकर रवि तेजा को स्लेज कर रहे थे। उस समय अंपायरों ने भी यशस्वी को इसे लेकर दो-तीन बार चेतावनी दे दी थी। लेकिन जब पारी के 57वें ओवर में यशस्वी ने एक बार फिर ऐसा किया, तब अंपायर्स से रहा नहीं गया और उन्होंने कप्तान रहाणे से लंबी बातचीत की, जिसके बाद कप्तान ने यशस्वी को मैदान से बाहर जाने को कहा। 

    इन सबमे खास बात ये थी कि, अंपायरों ने साउथ जोन को सब्स्टिट्यूट फील्डर की इजाजत नहीं दी, जिसके चलते उसे कुछ ओवर तक 10 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर रहना पड़ा था। हालांकि 20 साल के जायसवाल ने लगभग सात ओवर बाद एक बार फिर मैदान पर कदम रखा। 

    बता दें कि, दलीप ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में यशस्वी ने साउथ जोन के लिए दूसरी पारी में शानदार दोहरा शतक जड़ा था। यशस्वी ने 323 बॉल में 265 रन बनाए थे। जिसमें 30 चौके और चार छक्के शामिल थे। जबकि सरफराज खान ने भी नाबाद 127 रन बनाए थे। दोनों खिलाड़ियों ने इस मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया। दोनों की इस शानदार बैटिंग की बदौलत वेस्ट जोन ने चार विकेट पर 585 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित कर दी थी।