शानदार करियर के बाद इयोन मोर्गन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

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    लंदन: अपने शानदार नेतृत्व कौशल से सीमित ओवरों के प्रारूप में इंग्लैंड को शिखर पर पहुंचने वाले कप्तान इयोन मोर्गन (Eoin Morgan)ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। इंग्लैंड के 2015 क्रिकेट विश्व कप में  निराशाजनक विफलता के बाद मोर्गन टीम की कमान संभालते हुए सफेद गेंद के प्रारूप में बेखौफ और आक्रामक दृष्टिकोण अपनाकर टीम को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले गये। उनके नेतृत्व में इंग्लैंड 2019 पहली बार एकदिवसीय विश्व कप का चैम्पियन बना और उन्होंने हर बड़ी टीम के खिलाफ श्रृंखला में जीत का स्वाद चखा। उनकी सफलता का प्रतिशत 60 के आसपास है।

    इंग्लैंड क्रिकेट के प्रबंध निदेशक रॉब की ने कहा, ‘‘जैसा कि सभी महान खिलाड़ियों और कप्तानों के साथ होता है उसने अपनी और और आने वाली पीढ़ियों के लिए खेलने के तरीके को बदल दिया। खेल में उनकी विरासत को आने वाले कई सालों तक महसूस की जाएगी।”

    मोर्गन के नेतृत्व में इंग्लैंड की टीम के नाम एकदिवसीय मैचों के तीन बड़े स्कोर है। टीम ने पिछले सप्ताह ही नीदरलैंड के खिलाफ चार विकेट पर रिकॉर्ड 498 रन बनाये थे।  वह हालांकि पिछले कुछ समय से बल्ले से दमदार प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे।

    नीदरलैंड के खिलाफ पिछली श्रृंखला के शुरुआती दो मैचों में वह खाता नहीं खोल सके जबकि तीसरे मैच में चोट के कारण टीम से बाहर रहे।  इस 35 साल के खिलाड़ी ने पिछले डेढ़ साल में टी20 अंतरराष्ट्रीय और एकदिवसीय की 48 पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक जड़ है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह  निस्संदेह मेरे करियर का सबसे सुखद अध्याय रहा। संन्यास का फैसला करना आसान नहीं था लेकिन मेरा मानना है कि मेरे लिये ऐसा करने का यही सही समय है। 

    मोर्गन के साथ 2019 विश्व कप जीतने वाले इंग्लैंड के ऑलराउंडर मोईन अली भी कप्तान के इस फैसले से हैरान नहीं थे। अली ने बीबीसी को बताया, ‘‘ उनके लिए टीम पहले है। यह दिखाता है कि वह  कितने निस्वार्थ हैं। उसने उल्लेखनीय काम किया है और वह निश्चित रूप से अब तक का हमारा सर्वश्रेष्ठ कप्तान रहा है।”

    मोर्गन इंग्लैंड की उस टीम का भी हिस्सा थे जिसने 2010 में टी20 विश्व कप के रूप में पहना वैश्विक खिताब जीता था। उनकी कप्तानी में टीम 2016 में टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी। मोर्गन के नाम सबसे ज्यादा वनडे (225) और टी 20 (115) मैचों के साथ और दोनों प्रारूप में अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है। (एजेंसी )