नई दिल्ली: बांग्लादेश (Bangladesh) में इस्लामवादियों (Islamists) ने रविवार 25 सितंबर को क्रिकेटर लिटन दास (Litton Das) की हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इतना ही नहीं कुछ चरमपंथियों (Extremists) ने उन्हें इस्लाम में परिवर्तित (Convert to Islam) होने तक के लिए कह दिया। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि लिटन दास ने लोगों को महालय (Mahalaya) के अवसर पर बधाई साझा की। जिसके बाद उन्हें इस तरह के नफरत का सामना करना पड़ा।
बांग्लादेशी बल्लेबाज लिटन दास ने एक फेसबुक पोस्ट में देवी दुर्गा की एक मूर्ति की तस्वीर शेयर की थी। जिसमें उन्होंने कैप्शन में लिखा, “सुभो महालय! मां दुर्गा आ रही हैं।” बता दें कि, महालय दुर्गा पूजा की शुरुआत का प्रतीक है। जैसे ही लिटन ने यह पोस्ट किया, उसके तुरंत बाद ही इस्लामवादी उनकी टाइमलाइन पर उतर आए और गंदे शब्दों का इस्तेमाल करने लगे।
इतना ही नहीं, चरमपंथियों ने दास को हिंदू धर्म के अनुयायी होने के लिए गाली दी। साथी ही इस्लामवादियों ने मूर्ति पूजा की निंदा की और ‘मिट्टी से बनी’ मूर्ति का, हिंदू देवता का मज़ाक भी उड़ाया। इस्लामवादियों को भी उम्मीद थी कि लिटन दास कथित ‘वन ट्रू फेथ’ उर्फ इस्लाम में परिवर्तित हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मान्यताओं के अनुसार, महालय कैलाश पर्वत से देवी दुर्गा के पृथ्वी पर आगमन का प्रतीक है।
कुछ लोगों ने तो लिटन दास के पोस्ट पर कई तरह के कमेंट किए। मियाद नाम के एक शख्स ने कहा कि, “दुनिया का सबसे अच्छा धर्म इस्लाम है।”
#Translation
“World’s best religion is Islam,” commented Miyad on Liton Das’ post on Mahalaya.“Let Allah provide guidance to everyone, and give them the wisdom to find the right path (Islam),” wrote Emrol. (5/n) pic.twitter.com/XQvpJ1ncry
— Dibakar Dutta (দিবাকর দত্ত) (@dibakardutta_) September 25, 2022
एमरोल नाम के शख्स ने लिखा, “अल्लाह सभी को मार्गदर्शन प्रदान करे, और उन्हें सही रास्ता (इस्लाम) खोजने के लिए ज्ञान दे।”
ज़मान ने लिटन के पोस्ट पर कमेंट किया, “इस्लाम के अलावा किसी भी धर्म का पृथ्वी पर कोई मूल्य नहीं है।”
Zaman: No religion other than Islam has any value on the face of the Earth.
Ferdous: You guys must understand that these idols made of clay won’t do any good. Because these idols are meaningless. This is why you should believe in Allah, your Creator.”
(4/n) pic.twitter.com/8JBYlrWPll— Dibakar Dutta (দিবাকর দত্ত) (@dibakardutta_) September 25, 2022
इतना ही नहीं, के.आर. तुराण ने तो ये तक कह दिया कि, “आप लोगों को समझना चाहिए कि मिट्टी से बनी ये मूर्तियां कोई काम नहीं करेंगी। क्योंकि ये मूर्तियाँ अर्थहीन हैं। इसलिए तुम्हें अपने रचयिता अल्लाह पर ईमान लाना चाहिए। मैं इस्लाम की तह में आपका स्वागत करता हूं। सही रास्ते पर आओ।”
KR TuRan wrote,“These stone idols cannot be sacred to anyone. Any rational individual will not worship an idol carved in stone. I welcome you to the fold of Islam. Come to the right path.”
(3/n) pic.twitter.com/HIrQTXSlA8— Dibakar Dutta (দিবাকর দত্ত) (@dibakardutta_) September 25, 2022
बता दें कि, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की विशेष रूप से हिंदू समुदाय के प्रति घृणा का यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी एक बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ था, जिसमें वह एक बंगलदेशी हिंदू क्रिकेटर से केवल इसलिए नहीं मिलना चाहता क्योंकि वह हिंदू है।
None of this is surprising in the context of Bangladesh. Check this viral video to have a sneak peek into the vicious indoctrination of children in the country's madrassas:https://t.co/Sio9QLWVLi
(7/n)— Dibakar Dutta (দিবাকর দত্ত) (@dibakardutta_) September 25, 2022
इस वायरल वीडियो में एक रिपोर्टर बच्चे से पूछता है कि, वह किस क्रिकेटर से मिलना चाहता है। इसका जवाब देते हुए वह बच्चा कहता है, ”मैं मुशफिकुर, मुस्तफिजुर रहमान, तस्कीन अहमद और सरीफुल से मिलना चाहता हूं।” सौम्या सरकार के बारे में पूछे जाने पर, बच्चे ने कहा, “सौम्या सरकार एक हिंदू क्रिकेटर है। मैं उससे मिलना नहीं चाहता।”
ज्ञात हो कि, पिछले साल दुर्गा पूजा के समय ईशनिंदा के झूठे आरोपों को लेकर हिंदू समुदाय को बांग्लादेश में इस्लामवादियों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा था। इसके अलावा कुछ चरमपंथियों ने हिंदू मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया था।