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यहां गरीबों को सिर्फ़ 1 रुपए में दोपहर का भोजन मिलेगा।

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-विनय कुमार

सामाजिक सेवा में कई क्रिकेटर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। कोरोना महामारी के दौरान गरीबों की रोज़ी रोटी पर भी असर देखा गया। ऐसे में भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने गरीबों की सेवा के लिए एक रेस्तरां शुरू किया है। 

गौतम गंभीर ने आज गुरूवार, 24 दिसंबर को गरीबों को सेवा के लिए से पूर्वी दिल्ली में ‘जन रसोई’ (Jan Rasoi) नामक एक रेस्तरां खोला। यहां गरीबों को सिर्फ़ 1 रुपए में दोपहर का भोजन मिलेगा।

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गौतम गंभीर के ऑफिस से जारी स्टेटमेंट के मुताबिक, इस कैंटीन में एक बार में 100 लोग भोजन के लिए बैठ सकेंगे। लेकिन फिलहाल, COVID-19 महामारी के कारण यहां सिर्फ़ 50 लोगों को एक साथ बैठकर भोजन करने की अनुमति होगी। 

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दोपहर के खाने में चावल, दाल और एक सब्जी होगी। गरीबों के सहायतार्थ इस योजना को ‘गौतम गंभीर फाउंडेशन’ और सांसद निधि की मदद से चलाया जा रहा है। इस काम में सरकार की तरफ से कोई फाइनेंशियल सहायता नहीं है।

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ग़रीबों के हित में शुरू किए इस ताज़ा प्रोजेक्ट पर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने स्वस्थ और स्वच्छ भोजन की ज़रूरत और अधिकार की बात की। उन्होंने इस बात की भी चर्चा की, कि कैसे कोरोना महामारी फैलने की खबर के बाद भोजन की कमी के कारण भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों को दिल्ली से बाहर जाना पड़ा था।

गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने अपने ऑफिस से जारी किए गए बयान में कहा, “मैंने हमेशा महसूस किया है कि हर किसी को जाति, पंथ, धर्म या आर्थिक स्थिति के बावजूद स्वस्थ और स्वच्छ भोजन का अधिकार है। बेघर और निराश्रितों को एक दिन में दो वक्त  की रोटी भी नहीं मिल पाना अफसोसनाक है। गांधी नगर जो भारत के सबसे बड़े थोक कपड़ा मार्केट में से एक है, वहां ‘जन रसोई’ (Jan Rasoi) कैंटीन होगी। जो पूरी तरह से आधुनिक कैंटीन होगी। और, केवल 1 रुपए में गरीबों को यहां दोपहर का भोजन मिलेगा।”

गंभीर ने कहा, “कुछ राज्य कैंटीन चलाते हैं जो जरूरतमंदों को किफायती खाना उपलब्ध कराते हैं। जहां सस्ते में अच्छा भोजन लोगों को उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन, देश कि राजधानी में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। लॉकडाउन के दौरान भी, हमने हजारों प्रवासी मजदूरों को भोजन और अन्य ज़रूरी साधनों की कमी के कारण शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया।”