नई दिल्ली: भारत के पूर्व दिग्गज टेस्ट बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण (Happy Birthday VVS Laxman) का आज यानी 1 नवंबर को जन्मदिन है। लक्ष्मण का जन्म आज ही के दिन साल 1974 में हैदराबाद (Hyderabad) में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में भारत के लिए 134 टेस्ट और 86 वनडे मैच खेले हैं। उन्हें बल्लेबाजी में कलाइयों का जादूगर माना जाता था। लक्ष्मण ने अपनी करियर में टीम इंडिया (Team India) के लिए ढेरों यादगार पारियां खेली हैं। लेकिन, उनके टेस्ट जीवन की सबसे खास पारी की बात करें तो यह निर्विवाद रूप से 2001 में कोलकाता (IND vs AUS Kolkata Test 2001) टेस्ट में खेली उनकी 281 रन की पारी है।
वीवीएस लक्ष्मण की कोलकाता की यह पारी पूरे टेस्ट इतिहास की बेहतरीन पारियों में शुमार है। इस टेस्ट में भारतीय टीम पारी से हार की कगार पर खड़ी थी। फिर वीवीएस लक्ष्मण ने राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर ऐसा करिश्मा दिखाया, जिसे आज भी याद किया जाता है। इस दौर में टीम इंडिया की कप्तानी युवा कप्तान सौरभ गांगुली को मिली थी। गांगुली एक ऐसी टीम तैयार कर रहे थे, जो भारत में ही नहीं दुनिया की किसी भी पिच पर भारत को जीत दिला सके। तभी ऑस्ट्रेलिया भारत दौरे पर आई थी। स्टीव वॉ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार 15 मैच जीतकर भारत आई थी, वहीं 16वां मैच उन्होंने भारत को मुंबई टेस्ट में हरा दिया था। जिसके बाद वह अपनी 17वीं जीत के करीब पहुंच गई थी।
इस पारी में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रन बनाए थे। इसके जवाब में टीम इंडिया मात्र 171 रन पर ढेर हो गई। टीम इंडिया यहां 274 रन पीछे थी। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को यहां फॉलो ऑन दे दिया था। लेकिन, असली खेल शुरू हुआ ही नहीं था।फॉलोऑन खेलते हुए भारत का पहला विकेट 52 के स्कोर पर गिर गया। गांगुली ने वीवीएस लक्ष्मण को नंबर 3 पर बैटिंग के लिए उतार दिया। जहां उन्होंने एक छोर को तो संभाल लिया, लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरते गए। इस बार भी टीम इंडिया ने 232 रन तक पहुंचते-पहुंचे अपने 4 विकेट गंवा चुकी थी। इनमें सचिन तेंडुलकर (10) और सौरभ गांगुली (48) के विकेट भी शामिल थे। लेकिन लक्ष्मण का साथ देने जब द्रविड़ मैदान पर उतरे तो यहां एक नया इतिहास बना।
इन दोनों ने क्रीज पर ऐसे पांव जमाए कि कंगारू टीम के पसीने छूटने लगे थे। भारत ने देखते ही देखते ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी का स्कोर पार कर लिया और फिर उसे बड़ी लीड देने का काम शुरू कर दिया। ऑस्ट्रेलिया को अगले 104 ओवरों तक कोई विकेट नहीं मिला। ये दोनों बल्लेबाज करीब डेढ़ दिन तक एक साथ बैटिंग करते नजर आए। भारत को वीवीएस लक्ष्मण के रूप में 5वां झटका तब लगा जब लक्ष्मण 281 रन बना चुके थे। वहीं राहुल द्रविड़ ने इस मैच में 180 रन की पारी खेल रन आउट होकर पवेलियन लौटे।
इस मैच में इन दोनों की पारी के बदौलत टीम इंडिया 657/7 पर पारी घोषित कर पाई। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 384 रन की चुनौती मिली। शानदार बैटिंग के बाद भारतीय बोलरों ने भी कमाल कर दिखाया। कंगारू की दूसरी पारी में टीम महज़ 212 रन पर ही ढेर हो गई। जिसके बाद टीम इंडिया ने यह मैच 171 रन से अपने नाम किया। इस मैच में लक्ष्मण हीरो रहे। उनकी करिश्माई बल्लेबाजी की वजह से कंगारू अपनी 17वीं हासिल नहीं कर पाए। इस टेस्ट पारी के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने लक्ष्मण के बारे में कहा था कि VVS मतलब अब ‘वेरी-वेरी स्पेशल’ है, क्योंकि उन्होंने यह वेरी-वेरी स्पेशल पारी खेली है। तब से VVS को वेरी-वेरी स्पेशल क्रिकेटर माना जाना जाता है।