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    पेरिस. इंग्लैंड (England) एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत (India) के खिलाफ रद्द हुए पांचवें और अंतिम टेस्ट के नतीजे को लेकर आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को पत्र लिखा है जिससे संकेत मिले हैं कि दोनों देशों के बोर्ड समझौते के करीब नहीं हैं। भारतीय टीम में कोविड-19 मामले बढ़ने के बाद मैनचेस्टर में होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट को लेकर मेहमान टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) और ईसीबी दोनों को मैच में उतरने को लेकर आशंकाएं जताई थी।

    पीटीआई के यह पूछने पर कि क्या वे चाहते हैं कि वैश्विक संस्था पांचवें टेस्ट पर फैसला करे, ईसीबी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हां, हमने आईसीसी को पत्र लिखा है।” अंतिम टेस्ट से पहले भारत ने श्रृंखला में 2-1 की बढ़त बना रखी थी। ईसीबी चाहता है कि आईसीसी की विवाद समाधान समिति इस मुद्दे को हल करे और उसे उम्मीद है कि इस मैच को भारत द्वारा गंवाया हुआ माना जाएगा जिससे कि वे बीमा राशि का दावा कर सकें। अगर इस मैच को कोविड के कारण रद्द घोषित किया जाता है तो ईसीबी को लगभग चार करोड़ पाउंड का नुकसान होगा। प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं करने के लिए कोविड स्वीकार्य कारण है और भारतीय टीम ने कहा था कि वे मैच के लिए टीम उतारने में सक्षम नहीं थे।

    ईसीबी का हालांकि तर्क है कि भारतीय खिलाड़ियों के दो आरटी-पीसीआर परीक्षण नेगेटिव आए थे और वे फिर भी खेलने से हिचक रहे थे। कप्तान विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ी अपने रुख से नहीं हटे हैं कि टेस्ट खेलने को लेकर जोखिम था क्योंकि अधिकांश खिलाड़ियों का फिजियो योगेश परमार ने उपचार किया था जो वायरस से संक्रमित होने के बाद पृथकवास में हैं।

    अगर आईसीसी टेस्ट को रद्द घोषित करता है तो भारत श्रृंखला 2-1 से जीत लेगा लेकिन अगर विवाद समाधान समिति इंग्लैंड के दावे को सही मानती है तो श्रृंखला 2-2 से बराबर होगी और मेजबान देश बीमा का दावा भी कर पाएगा। ईसीबी के आईसीसी के पास जाने से साबित होता है कि इस मुद्दे पर कोई आपसी सहमति नहीं बन रही है क्योंकि मेजबान बोर्ड को भारी नुकसान की आशंका है।

    अगर फैसला भारत के पक्ष में आता है तो ईसीबी को भारी भरकम नुकसान होगा क्योंकि चार करोड़ पाउंड में से अधिकांश हिस्सा कोविड-19 बीमा के अंतर्गत नहीं आता। भारतीय क्रिकेटर पहले ही ब्रिटेन से रवाना हो चुके हैं और अधिकांश खिलाड़ी यूएई में अपनी संबंधित आईपीएल टीमों के पास पहुंच गए हैं। माना जा रहा था कि बीसीसीआई को अंदेशा था कि अगर रद्द हो चुके टेस्ट के दौरान कोई शीर्ष भारतीय खिलाड़ी पॉजिटिव पाया जाता है तो आईपीएल के कार्यक्रम पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।