29 साल से केपटाउन में है जीत का इंतजार, विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा क्यों हैं खतरे के घेरे में?

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    -विनय कुमार

    भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 3 मैचों किब्टेस्ट सीरीज का तीसरा और आखिरी खिताबी मुकाबले में आज से केपटाउन के मैदान में जंग शुरू होगी। यह भिड़ंत 11 जनवरी से 15 जनवरी के बीच केपटाउन के न्यूलैंड्स के मैदान में होगी।

    अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट का इतिहास बताता है कि इस मैदान पर भारतीय टीम का रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है। फिलहाल यह ताजा सीरीज 1-1 की बराबरी पर है। सेंचुरियन के मैदान में सीरीज के पहले मैच में ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय टीम जोहानिसबर्ग में खेले गए मैच में हार गई थी।  

    इतिहास गवाह है कि टीम इंडिया करीब 30 साल से साउथ अफ्रीका में कभी भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी हैं। और, केपटाउन के मैदान की बात की जाए तो टीम इंडिया को बीते 29 साल से केपटाउन में भी एक टेस्ट मैच जीतने का इंतजार है। गौरतलब है कि, इस मैदान पर भारत ने पहली बार 1993 में साउथ अफ्रीका के दौरे में टेस्ट मैच खेला था। उसके बाद से अब तक टीम इंडिया ने इस मैदान पर 5 टेस्ट टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से 2 मैच ड्रॉ हुए और 3 में भारत को हार का सामना करना पड़ा।

    केपटाउन के मैदान में भारत ‘बनाम’ साउथ अफ्रीका का इतिहास

    गौरतलब है कि भारतीय टीम ने इस मैदान पर आखिरी बार 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था। वह मैच विराट कोहली। (Virat Kohli Captain Indian Cricket Team) की कप्तानी में खेला गया था, जिसमें साउथ अफ्रीका ने भारत को 72 रनों से हरा दिया था। इससे पहले 1997 में 282 रनों से और 2011 में 5 विकेट से शिकस्त मिली थी। हां, 1993 और 2011 के साउथ अफ्रीका के दौरे में इस मैदान पर खेले गए मैच ड्रॉ रहे थे।

    अब तक के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत इस मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ छठवां टेस्ट मैच खेल रहा है। विराटसेना पास अबकी बार सुनहरा मौका है साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतने का। यही नहीं केपटाउन के मैदान में पहली जीत की बोहनी कराने का भी बेहतरीन मौका है। खास बात इस ताजा सीरीज में यह भी देखी गई कि, जोहानिसबर्ग के मैदान में भारत को हमेशा जीतती रही, लेकिन इस ताजा दौरे में उसे हार का सामना करना पड़ा। 

    विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा के लिए यह मुकाबला खतरे की घंटी

    इतिहास बताता है कि, चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) और विराट कोहली (Virat Kohli Captain Indian Cricket Team) के इस मैदान पर निराशाजनक प्रदर्शन रहे हैं। टीम इंडिया के दिग्गज गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (Ravichanran Ashwin off-spinner Team India) ने इन दोनों खिलाड़ियों से कहीं ज्यादा रन बनाए हैं इस मैदान में।

    केपटाउन के इस मैदान में भारतीय टीम के धांसू कप्तान विराट कोहली का यह दूसरा मैच है। इससे पहले खेले मैच में उन्होंने दोनों पारियों को मिलाकर सिर्फ 33 रन ही बनाए हैं। चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का भी इस मैदान में रिकॉर्ड खराब रहा है।

    चेतेश्वर पुजारा ने केपटाउन के इस ग्राउंड में अब तक दो टेस्ट मैच खेले हैं, जिसकी 4 पारियों में वो केवल 32 रन ही बना सके। यह उनका तीसरा मैच है। वहीं, भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin off-spinner Team India) ने एक टेस्ट मैच खेलकर उस मैच की  दोनों पारियों को मिलाकर इन दोनों धुरंधरों से ज्यादा 49 रन बनाए हैं।

    भारतीय टेस्ट टीम के इतिहास में केवल मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar Capetown Test Match) ही ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने  अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में इस मैदान पर खेले कुल 4 टेस्ट मैचों में 489 रन बनाए हैं।

    इहिहास गवाह है कि इस मैदान पर आज तक कोई भी भारतीय बल्लेबाज 500 रनों का आंकड़ा नहीं छू पाया है। सचिन तेंडुलकर के अलावा कोई भी बल्लेबाज इस मैदान पर खेले अपने करियर के कुल मैचों को मिलाकर 200 रनों के आंकड़े को पार नहीं कर पाया है। भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly Capetown) ने 2 टेस्ट मैचों में 165 रन, गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 1 टेस्ट खेलकर 157 रन, राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने 3 टेस्ट मैच खेलकर 126 रन और मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohammed Azharuddin) ने 2 मैच खेलकर 124 रन ही बनाए हैं।