
नयी दिल्ली: भारतीय टीम स्टार ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) से जुडी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। उनका इस साल में सबसे अधिक तीन बार डोप परीक्षण (Dope Test) किया गया। हाल ही में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (National Anti-Doping Agency) ने नवीनतम सूची जारी की। उनके मुताबिक, इस साल जनवरी से मई तक भारत के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने तीन बार डोप परीक्षण के लिए नमूना दिया और इस तरह से वह इस अवधि में सर्वाधिक बार परीक्षण करवाने वाले क्रिकेटर बन गए।
नाडा (NADA) की वेबसाइट पर जारी की गई नवीनतम सूची के अनुसार वर्ष के पहले पांच महीनों में कुल मिलाकर 55 क्रिकेटरों (पुरुष और महिला, 58 नमूने) का डोप परीक्षण किया गया। इनमें से अधिकतर नमूने प्रतियोगिता से इतर लिए गए। इसका मतलब हुआ कि इस साल क्रिकेटरों से एकत्र किए गए नमूनों की संख्या पिछले दो वर्षों की तुलना में कहीं अधिक होने की संभावना है।
आंकड़ों के अनुसार नाडा ने 2021 में क्रिकेटरों के 54 और 2022 में 60 नमूने लिए थे। वर्ष 2023 के पहले पांच महीनों में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का परीक्षण नहीं किया गया। टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले कुछ समय से भारत की अगुवाई कर रहे हार्दिक पंड्या का अप्रैल में प्रतियोगिता से इतर मूत्र का नमूना लिया गया था।
वर्ष 2021 और 2022 में रोहित का सर्वाधिक बार परीक्षण किया गया था। नाडा के इन दोनों वर्षों के आंकड़ों के अनुसार रोहित का तीन तीन बार परीक्षण किया गया था। कोहली का 2021 और 2022 में भी परीक्षण नहीं किया गया था। वर्ष 2022 में लगभग 20 नमूने महिला क्रिकेटरों के लिए गए थे। लेकिन इस साल पहले पांच महीनों में केवल दो महिला क्रिकेटरों भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना का एक एक बार प्रतियोगिता से इतर परीक्षण किया गया। इन दोनों के मूत्र के नमूने 12 जनवरी को मुंबई में लिए गए थे।
प्रतियोगिता के दौरान कुल 20 नमूने ले गए और पूरी संभावना है कि इनमें से अधिकतर नमूने इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान लिए गए होंगे। क्रिकेटरों के कुल 58 नमूनों में सात रक्त के जबकि बाकी मूत्र के नमूने शामिल हैं। जडेजा के तीनों नमूने मूत्र के लिए गए। यह नमूने 19 फरवरी, 26 मार्च और 26 अप्रैल को लिए गए। तेज गेंदबाज टी नटराजन के दो नमूने 27 अप्रैल को ले गए। इनमें एक रक्त और एक मूत्र का नमूना शामिल है। रक्त का नमूना अतिरिक्त पदार्थों का पता लगाने के लिए लिया जाता है। इन पदार्थों का मूत्र के नमूनों से पता नहीं चलता है।