Mayank Agrawal

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    -विनय कुमार

    भारतीय टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने न्यूज़ीलैड  के खिलाफ (India vs New Zealand Test Series, 2021) दो मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे और अंतिम मैच के पहले दिन मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए शानदार सेंचुरी ठोकी। ये उनके टेस्ट करियर की चौथी सेंचुरी है। पहले दिन के खेल खत्म होने के बाद मयंक अग्रवाल ,(Mayank Agarwal) ने  बताया कि कैसे क्रिकेट की दुनिया के महान बल्लेबाज और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) की अनमोल सलाह से उन्हें अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने में बड़ी मदद मिली।

    एक वक्त ऐसा भी आ गया था कि मयंक अग्रवाल बड़े ही खराब फॉर्म से गुजर रहे थे। और, भारतीय टीम में उनकी जगह को लेकर भी सवालिया निशान थे। लेकिन, राइट आर्म बैटर मयंक अग्रवाल ने आज अपनी धाकड़ और मंजी हुई बल्लेबाजी से अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। इस मैच में मयंक अग्रवाल पहले दिन का खेल खत्म होने तक 120 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। पहले दिन के स्टंप डाउन होने तक विराट’सेना’ ने 4 विकेट के नुकसान पर 221 बना लिए हैं।

    सलामी बल्लेबाज मयंक (Mayank Agarwal) ने अपने दिल की बात खुलकर करते हुए कहा कि किस प्रकार सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने उनकी मदद की। उन्होंने कहा, “उन्होंने (Sunil Gavaskar) मुझसे कहा कि मुझे अपनी पारी के आरंभ में बैट को थोड़ा नीचे रखने पर ध्यान देना चाहिए। वैसे मैं इसे थोड़ा उपर रखता हूं।” 

    प्रेस कांफ्रेंस में मयंक अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने गावस्कर (Sunil Gavaskar) की तरह खेलने की कोशिश की, जैसे उन्होंने अपने स्टांस में बताया था। अपनी कमेंट्री के दौरान गावस्कर ने कहा कि मुझे अपने बैक लिफ्ट को थोड़ा सा कम करना चाहिए।

    मुंबई में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) ने एजाज पटेल (Ajaz Patel) की गेंदबाजी में 4 छक्के ठोके। मयंक ने कहा कि ये शॉट उन्होंने जान-बूझकर लगाए थे। एजाज पटेल थोड़े अटैक्गिं अंदाज में थे। वे बढ़िया गेंदबाजी कर रहे थे, इसलिए तो मुझे ऐसा करना पड़ा।

    मयंक अग्रवाल ने कहा, “वे लगातार हमें हमारे स्पॉट पर गेंदबाजी करके शॉट खेलने की चुनौती दे रहे थे। कुछ स्थिति हमारे पक्ष में जाए, इसलिए मुझे ऐसा करना पड़ा। मैंने उसी हिसाब से अपनी पारी को प्लान किया। इस पारी में मेरे धैर्य और दृढ़ संकल्प की इम्तिहन थी। मैं बस अपने प्लान पर टिका रहा। मुझे मालूम है कई मौकों पर मैं अच्छा नहीं खेल सका, लेकिन, मैं अपना काम करने में सफल रहा।”