नयी दिल्ली: भारत को पहला वर्ल्ड कप (World Cup 1983) दिलाने वाली टीम का नेतृत्व करने वाले दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव (Kapil Dev Birthday) आज अपना 64 वां जन्मदिन मना रहे हैं। छह जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में जन्में इस महान खिलाड़ी ने साल 1983 में वर्ल्ड कप जीतकर देश का नाम दुनियाभर में रौशन कर दिया। कपिल देव ने इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के दौरान कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम पर दर्ज किए है। कपिल देव तेज गेंदबाजों के लिए एक मिसाल है। तो आइये आज इस महान खिलाड़ी के जन्मदिन पर जानते हैं उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें…
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बता दें कि, कपिल देव वनडे विश्व कप जीतने वाले सबसे युवा कप्तान हैं। कपिल देव ने 24 साल की उम्र में वेस्टइंडीज को फाइनल में हराकर विश्व कप जीता। कपिल का यह रिकॉर्ड आज भी कायम है।
कपिल देव को ‘हरियाणा हरिकेन’ (Haryana Hurricane) के नाम से भी जाना जाता है। कपिल ने आजीवन हरियाणा के लिए घरेलू ही क्रिकेट खेला। इसके अलावा वह इंग्लिश काउंटी वॉस्टरशर और नॉर्थहैम्पटनशर के लिए भी क्रिकेट खेले थे। वह हरियाणा की तरफ से रणजी क्रिकेट खेलते थे इसलिए इन्हें हरियाणा हरिकेन कहा जाता है।
कपिल देव ने 1994 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। उस वक्त कपिल के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट थे। उन्होंने 131 अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच में कुल 5248 रन बनाए और 434 विकेट झटके थे। साथ ही वह अब तक अकेले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने 5000 रन और 400 विकेट का आंकड़ा पार किया है। इसके साथ ही कपिल ने 225 वनडे मैचों में 3783 रन बनाए और 253 विकेट भी लिए थे।
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कपिल देव (Kapil Dev) ने 131 टेस्ट में 31।05 की औसत से 5248 रन भी बनाए। इसमें आठ शतक और 27 अर्धशतक शामिल है। इसके अलावा 225 वनडे मैचों में कपिल देव ने कुल 3783 रन बनाए। इसमें उन्होंने एक शतक और 14 अर्धशतक शामिल है। वनडे फॉर्मेट का एकमात्र शतक कपिल ने 1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ लगाया था। तब उन्होंने 183 रन की पारी खेली थी। इस फॉर्मेट में उन्होंने 253 विकेट हासिल किए।
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कपिल देव की महान क्रिकेटर बनने की कहानी बड़ी दिलचस्प है। वह महज 15 साल के थे, जब उन्हें मुंबई में एक ट्रेनिंग कैंप में भेजा गया। कैंप भारत के उभरते क्रिकेट सितारों के प्रशिक्षण के लिए लगाया गया था। कपिल देव को पहले दिन खाने में दो रोटी और एक सूखी सब्जी ही मिली। यह देख कपिल दुखी हो कैंप मैनेजर के।के तारापुर के कमरे में पहुंचे। उन्होंने तारापुर से कहा कि इस खाने से उनका काम नहीं चलेगा।
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तब तारापुर जोर से हँसे और बोले कि,” एक दिन पहले ही तुम आए हो, तुम शिकायत करने लगे…यूनियन बना ली और इसके लीडर भी बन गए। बताओ क्या दिक्कत है।” कपिल देव ने कहा कि, “सर मैं फास्ट बॉलर हूं और दो रोटी से मेरा काम कतई नहीं चलेगा।” इस पर तारापुर ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, “रोटी तो तुम्हें और मिल जाएगी लेकिन एक बात समझ लो कि भारत में 40 साल में कोई फास्ट बॉलर पैदा नहीं हुआ है।” यह सुन कपिल के आंखों में आंसू आ गए और उसी समय उन्होंने तय कर लिया कि वह बनेंगे तो अब भारत के सबसे तेज गेंदबाज ही बनेंगे।
खास बात यह है कि, कपिल देव अपने करियर की 184 पारियों में वह कभी रन आउट नहीं हुए। वहीं अगर 1984-1985 में इंग्लैंड के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के चलते उन्हें टेस्ट मैच से ड्रॉप नहीं किया गया होता, तो उनके टेस्ट करियर में लगातार 132 टेस्ट मैच भी खेले होते।
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मालूम हो कि, कपिल देव (Kapil Dev) की जिंदगी पर एक फिल्म बनी है। इस फिल्म का नाम ’83’ है। इसमें 1983 में विश्व कप जीत के पीछे की कहानी बताई गई है। इस फिल्म में कपिल देव की भूमिका में बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह दिखाई दे रहे है। 1983 विश्व कप के फाइनल में भारत ने दो बार के चैंपियन वेस्टइंडीज को हराया था।