Virat Kohli has been failing in Test cricket for so many years, know his statistics and 5 batsmen in the world with the lowest average in Test cricket

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अहमदाबाद. दिग्गज भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के चौथे दिन रविवार को संयम से खेली पारी में लगभग 40 महीने के सूखे को खत्म करते हुए अपना 28वां शतक पूरा किया।  इस पारी में कोहली ने नाथन लियोन के खिलाफ एक रन लेकर 241 गेंद में अपना शतक पूरा किया और शतक बनाने तक सिर्फ पांच चौके लगाये।

यह नवंबर 2019 के बाद उनका पहला टेस्ट शतक है। उनके नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सभी प्रारूपों को मिलाकर अब 75 शतक हो गये हैं। शतक पूरा करने के बाद कोहली ने ना तो अपने अंदाज में उछलकर जश्न मनाया, ना ही सीने पर मुक्का जड़ा। शतक पूरा करने के बाद उनके चेहरे पर राहत का भाव दिखा। उन्होंने शतक पूरा करने के बाद बल्ले और हेलमेट को उठाकर दर्शकों का अभिवादन करने के बाद अपनी शादी की अंगूठी को चूमा, जिसे वह अपने गले की चैन में पहनते हैं।

इन 40 महीनों में कोहली का बल्ला रूठा रहा और उनका टेस्ट औसत 25 के करीब रहा। इस दौरान उनके आलोचकों और प्रशंसकों को ऐसी पारी का इंतजार था। महान खिलाड़ियों में बाधाओं को पार करने की क्षमता होती है और रविवार को कोहली ने एक चैंपियन के जुझारूपन का परिचय देते हुए बड़ी बाधा पार की। यह पिछले साल टी20 विश्व कप के दौरान मेलबर्न में पाकिस्तान के हारिस रऊफ के खिलाफ शानदार सीधा छक्का जड़ने वाले आत्मविश्वास से लबरेज कोहली नहीं थे।

अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के उलट वह किसी भी कीमत पर तीन अंकों के आंकड़े को छूना चाहते थे। रविवार को कोहली की पारी में महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की सिडनी में खेली गयी दोहरी शतकीय पारी की झलक दिखी। तेंदुलकर ने इस पारी में ब्रेट ली की अगुवाई वाले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ 200 रन पूरा करने के बाद अपना चहेता कवर ड्राइव शॉट लगाया था।

कोहली की यह पारी कई मायनों में तेंदुलकर की इस पारी की तरह दिखी। उन्होंने भी ऑफ स्टंप से बाहर की गेंदों को नहीं छेड़ा। तेज गेंदबाजों के लिए मुश्किल परिस्थितियों में भी उन्होंने मिचेल स्टार्क और कैमरून ग्रीन की ऑफ स्टंप की बाहर की गेंद को विकेटकीपर के लिए छोड़ दिया।  उन्होंने इस दौरान अपनी पारी का पांचवां चौका 89वीं गेंद पर लगाया जबकि छठा चौका उनकी पारी के 251 वीं गेंद पर आया। इस बीच 162 गेंद (27 ओवर) तक उन्होंने कोई चौका नहीं लगाया।

चौथे दिन की शुरुआती सत्र में कोहली के बल्ले से एक भी चौका नहीं निकला। शतक लगाने के बोझ से छुटकारा पाने के बाद कोहली ने तेजी से खेलना शुरू किया और लगातार अंतराल पर गेंद को सीमा रेखा के पार भेजा। कोहली ने अपना पहला धाराप्रवाह कवर ड्राइव तब खेला जब वह 145 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने कैमरून ग्रीन की गेंद पर यह चौका लगाने के बाद शानदार ऑन ड्राइव पर लगातार दूसरा चौका जड़ 150 रन के आंकड़े को पार किया।

कोहली ने इस दौरान अक्षर पटेल के साथ तेजी से दौड़कर रन चुराकर अपनी फिटनेस का परिचय भी दिया। मोटेरा मैदान कई शानदार उपलब्धियों का गवाह रहा है। इसी मैदान पर महान सुनील गावस्कर ने टेस्ट में 10,000 रन का आंकड़ा पार किया और कपिल देव ने अपना 432 वां विकेट लेकर तत्कालीन विश्व रिकॉर्ड कायम किया था। कोहली की यह पारी भी इस सूची का हिस्सा बनेगी। (एजेंसी)