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इस ओवर की पांचवीं बॉल पर तमीम इकबाल ने जेमिसन की तरफ एक शॉट खेला।

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    नई दिल्ली. न्यूजीलैंड और बांग्लादेश के बीच क्राइस्टचर्च (New Zealand vs Bangladesh 2nd ODI Match) में दूसरा वनडे मैच खेला जा रहा है। इस मैच के दौरान एक कैच को लेकर बवाल हो गया। दरअसल, बांग्लादेश के तरफ से तमीम इकबाल (Tamim Iqbal) क्रीज पर मौजूद थे। वहीं, बांग्लादेश की पारी के 15वें ओवर में काइल जेमिसन (Kyle Jamieson) गेंदबाजी कर रहे थे।

    इस ओवर की पांचवीं बॉल पर तमीम इकबाल ने जेमिसन की तरफ एक शॉट खेला। बॉल हवा में थी और कीवी के गेंदबाज जेमिसन ने आगे डाइव लगाते हुए दोनों हाथों से कैच पकड़ लिया। लेकिन, वह अपना बैलेंस खो बैठे और उनका हाथ जमीन पर लग गया।

    इसके बाद फील्ड अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल (Soft Signal) में बल्लेबाज तमीम इकलाब (Tamim Iqbal) को आउट दे दिया। लेकिन, जेमिसन ने कैच पकड़ने के बाद उनका हाथ जमीन पर लग गया था। जिसके बाद अंपायर का यह फैसला सही है की नहीं यह देखने के लिए उन्होंने थर्ड अंपायर क्रिस जैफेनी से मदद मांगी। वहीं, अंपायर का फैसला गलत निकला और थर्ड अंपायर ने बल्लेबाज तमीम को नॉट आउट करार दे दिया।

    थर्ड अंपायर के इस फैसले के बाद सॉफ्ट सिग्नल को लेकर बहस शुरू हो गई। दरअसल, कुछ दिनों पहले भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए टी20 मैच में भारतीय खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव को सॉफ्ट सिग्नल में आउट करार दिया था। सूर्यकुमार का कैच जब फील्डर ने पकड़ा, तब उसका बॉल जमीन से लग गई थी। इसके बाद थर्ड अंपायर ने रिप्ले करते हुए इस बात की जांच की। रिप्ले में साफ नज़र आ रहा था कि, बॉल जमीन को लगी है। फिर भी थर्ड अंपायर वीरेंद्र शर्मा इसे नजरअंदाज करते हुए सूर्यकुमार यादव को आउट करार दिया था। थर्ड अंपायर के इस फैसले के बाद सभी ने सॉफ्ट सिग्नल नियम की काफी आलोचना की। 

    बांग्लादेश के बल्लेबाज तमीम इकबाल के मामले में ऐसा ही कुछ हुआ। थर्ड अंपायर को यकीन था कि, बॉल जमीन पर लग गई है। टीवी रीप्ले में भी ये साफ़ नजर आ रहा था। इसलिए थर्ड अंपायर ने तमीम को नॉट आउट करार दे दिया। 

    क्या है सॉफ्ट सिग्नल 

    जब फील्ड अंपायर अपने फैसले को लेकर आश्वस्त नहीं होता है, तब वह थर्ड अंपायर को फैसला लेने के लिए कहता है। थर्ड अंपायर कैमरे के हर एंगल को देखने के बाद अपना फैसला देता है। वहीं, अगर थर्ड अंपायर भी अपने फैसले को लेकर कन्फ्यूज रहता है, तब वो फील्ड अंपायर के फैसले को सही मानता है। वहीँ, अगर थर्ड अंपायर ठोस नतीजे पर पहुंच जाता है तो फिर फील्ड अंपायर का फैसला पलट सकता  है।