Mohammed Shami gets title of 'Player of the Match'

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मोहाली: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) का मानना है कि किसी भी खिलाड़ी को अंतिम एकादश में जगह नहीं मिलने पर हताश नहीं होना चाहिए और उन खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए जिनको टीम में जगह मिली है। शमी से जब पूछा गया कि उन्हें वनडे क्रिकेट (ODI Cricket) में कम मौके मिल रहे हैं तो उन्होंने कहा, “जब मैं नियमित तौर पर क्यों खेल रहा था, तब किसी ने किसी को बाहर बैठना पड़ा होगा और उसके लिए मैं दोषी नहीं था। इसलिए यदि आपको टीम में जगह नहीं मिलती तो हताश नहीं होना चाहिए क्योंकि टीम जीत रही है।”

भारतीय टीम प्रबंधन ने संकेत दिए हैं कि आगामी विश्व कप के दौरान जब वह अपनी सबसे मजबूत टीम के साथ खेलेगा तो जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज उसके दो प्रमुख तेज गेंदबाज होंगे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 51 रन देकर पांच विकेट लेने वाले शमी ने हालांकि कहा कि जब आप बहुत अधिक मैच खेल रहे होते हैं तो फिर ‘रोटेशन’ बुरी चीज नहीं होती।

शमी ने भारत की जीत के बाद संवाददाताओं से कहा, “यह टीम की रणनीति है और इस पर कायम रहना महत्वपूर्ण है। आप हमेशा अंतिम एकादश में जगह नहीं बना सकते हैं तथा काफी कुछ टीम के संयोजन पर निर्भर करता है।” उन्होंने कहा,”अगर आप अच्छा खेल रहे हैं और अगर आपको अंतिम एकादश में जगह नहीं मिलती है तो आपको उन खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए जो खेल रहे हैं। मेरा मानना है कि हताश होने का कोई मतलब नहीं है तथा टीम मुझे जो भी भूमिका सौंपती है मैं उसको निभाने के लिए तैयार रहता हूं।”

शमी से पूछा गया कि क्या वह रोटेशन नीति का समर्थन करते हैं, उन्होंने कहा, “आप जो जानने की कोशिश कर रहे हैं वह मेरी समझ से परे है लेकिन निश्चित तौर पर जब आप टीम का गठन करते हैं तो कोच की भूमिका परिस्थितियों को देखते हुए खिलाड़ियों को रोटेट करने की होती है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्व कप जैसी बड़ी प्रतियोगिता से पहले रोटेशन की नीति को अपनाना सही है।

शमी ने कहा, “आपने रोटेशन के कारण अच्छे परिणाम देखे होंगे और मेरा मानना है कि विश्व कप से पहले खिलाड़ियों पर अधिक बोझ नहीं डालना चाहिए। रोटेशन की नीति सही तरह से चल रही है और हमें अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।” 

शमी ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (World Test Championship Final) के बाद विश्राम लिया था और उन्होंने दो टेस्ट और तीन वनडे के लिए वेस्टइंडीज का दौरा नहीं किया था। उन्होंने कहा, “विश्राम लेना महत्वपूर्ण था क्योंकि मैं सात आठ महीने से लगातार खेल रहा था। मुझे लग रहा था कि विश्राम लेना चाहिए। मैंने कोच और कप्तान से बात करके विश्राम लेने का फैसला किया। मैं घर में रहते हुए उससे भी अधिक अभ्यास कर रहा था जितना कि मैं टीम के साथ रहने में करता हूं।”